उत्तराखंड ग्लेशियर हादसा: श्रमिकों की आपबीती, बताया कैसे बची उनकी जान?

Published : Mar 03, 2025, 01:49 PM IST
hospital

सार

उत्तराखंड ग्लेशियर हादसे में बचे श्रमिकों ने आपबीती सुनाई। सेना के रेस्क्यू अभियान की प्रशंसा करते हुए बताया कि कैसे मौत के मुंह से निकले।

उत्तराखंड। ज्योतिर्मठ स्थिति सेना के अस्पताल में 44 श्रमिकों का इलाज चल रहा है, जबकि 2 को ऋषिकेश एम्स रेफर किया गया है। 44 श्रमिकों में सभी खतरे से बाहर है। उपचार ले रहे श्रमिकों में पिथौरागढ़ के रहने वाले गणेश कुमार ने बताया कि मुझे तो बचने की उम्मीद ही नहीं थी लेकिन सरकार के रेस्क्यू अभियान के कारण आज मैं बिल्कुल सुरक्षित हू।

इसी क्रम में उत्तरकाशी के रहने वाले मनोज भंडारी ने रेस्क्यू अभियान की प्रशंसा की। भारतीय सेना और प्रशासन की प्रशंसा करते हुए कहा कि इतने मुश्किल समय में सरकार ने हमारी बहुत मदद की । सेना अस्पताल मे ही उपचार करवा रहे मुरादाबाद के विजयपाल ने बताया कि 28 फरवरी को जब ग्लेशियर से हमारे कंटेनर पर गिरा तो हम घबरा गए लेकिन आर्मी कैंप में हमें सेना ने सुरक्षित रात भर रखा और अगले दिन रेस्क्यू अभियान में हमें सेना के अस्पताल ज्योतिर्मठ में सुरक्षित लाया गया।

इस प्रकार घटना के बाद चलाए गए रेस्क्यू अभियान की घायलों ने सराहना की। सेना के अस्पताल में भर्ती श्रमवीरों ने कहा भारतीय सेना,आई. टी.बी.पी, वायुसेना , एन.डी.आर. एफ, एस.डी.आर.एफ और जिला प्रशासन की ओर से तेजी से चलाए गए रेस्क्यू अभियान के कारण ही वे सुरक्षित हैं। उन्होंने रेस्क्यू अभियान को लेकर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी सहित रेस्क्यू में जुटी पूरी टीम का धन्यवाद ज्ञापित किया है।

PREV

उत्तराखंड के तीर्थ-पर्यटन केंद्रों, पहाड़ी इलाकों, मौसम, सरकारी योजनाओं और स्थानीय प्रशासन से जुड़ी ताज़ा खबरें पढ़ें। देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार और पहाड़ी ज़िलों की रिपोर्ट्स के लिए Uttarakhand News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — विश्वसनीय और विस्तृत राज्य कवरेज यहीं।

Recommended Stories

उत्तराखंड में भारतीयों की ना सुधरने वाली हरकतों से परेशान हुई रूसी महिला-Watch Video
चंपावत में दर्दनाक हादसा! बारात से लौटते वक्त खाई में गिरी गाड़ी, 5 की मौके पर मौत