उत्तराखंड के जंगलों में एक गंभीर संकट ने दस्तक दे दी है। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही साल बोरर कीट ने कुमाऊं क्षेत्र के जंगलों में कहर बरपाना शुरू कर दिया है। बता दें कि इस खतरनाक कीट ने दुधवा टाइगर रिजर्व और पीलीभीत के जंगलों को पार करते हुए कुमाऊं के जंगलों में साल के पेड़ों को अपना निशाना बनाया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रामनगर वन प्रभाग के कोटा रेंज में करीब दो हेक्टेयर क्षेत्र इस कीट के प्रकोप से प्रभावित है। साल के पेड़ों के तनों में छेद कर यह कीट उन्हें कमजोर और खोखला बना रहा है। जिन पेड़ों पर यह कीड़ा हमला करता है, वे किसी काम के नहीं रह जाते।
वन विभाग ने इस समस्या से निपटने के लिए फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (FRI) से संपर्क किया है। एफआरआई के वैज्ञानिक जल्द ही प्रभावित इलाकों में पहुंचकर पेड़ों का इलाज करना शुरू करेंगे ताकि पेड़ों को बचाया जा सके।
साल बोरर कीट एक ऐसा कीट है, जो पेड़ों के तनों में घुसकर उनकी संरचना को तहस-नहस कर देता है। यह तनों में गहरे छेद करता है, जिससे पेड़ धीरे-धीरे कमजोर हो जाते हैं। अगर समय रहते इसे नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह जंगलों के बड़े हिस्से को बर्बाद कर सकता है।
जानकारी के अनुसार, 60-70 के दशक में यह कीट कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में भी भारी नुकसान पहुंचा चुका है। अब हल्द्वानी और रामनगर के जंगलों में इसका फिर से उभरना वन्यजीव संरक्षण के लिए खतरा बनता जा रहा है।
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