महीनेभर से गुम युवक जब नहीं मिला तो परिजन कर रहे थे श्राद्ध कर्म, तभी हुआ कुछ ऐसा जो किसी ने सोचा नहीं था

परिवार वाले दुखी होकर युवक का श्राद्ध कर्म कर रहे थे। उन्हें किसी ने जानकारी दी कि एक महीनेे से गुम इस युवक की संभवत: मौत हो गई है। पुलिस भी इस युवक की तलाश नहीं कर पाई। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 7, 2022 2:20 PM IST / Updated: Jun 07 2022, 08:06 PM IST

नई दिल्ली। एक 22 साल का युवक पिछले महीने लापता हो गया। घर वालों ने बहुत खोजबीन की, मगर नहीं मिला। पुलिस में शिकायत की, वह भी नहीं खोज सकी। कुछ लोगों ने उसे मृत बता दिया। थक-हार परिजनों ने भी उनकी बात पर भरोसा कर लिया। मंगलवार, 7 जून को अपने घर पर जब वे युवक के मरने के बाद की रस्में अदा कर रहे थे, तब अचानक यह युवक घर पहुंच गया। 

इस युवक को देखकर वहां हर कोई हैरान रह गया। उन्हें अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था और न ही वे खुशी का इजहार कर पा रहे थे। पुलिस के खिलाफ भी उनका आक्रोश दिखाई पड़ने लगा। यह चौंकाने वाली घटना पश्चिम त्रिपुरा के कालीबाजार इलाके की है। यह पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा का सीमावर्ती गांव है।  

दरअसल, यह मामला जितना रोचक है, उतना ही भावुक कर देना वाला भी। मोहनपुर अनुमंडल के कालीबाजार में रहने वाला 22 साल का आकाश सरकार पिछले महीने यानी मई में लापता हो गया था। 3 जून को पश्चिम अगरतला थाना क्षेत्र के मेलरमठ के पास झील में एक शव तैरता हुआ मिला। पुलिस ने शुरुआती तौर पर लोगों को पहचान के लिए बुलाया, तो जानकारी मिली कि यह युवक कालीबाजार का रहने वाला है और पिछले महीने लापता हो गया था। 

पुलिस का दावा- आकाश के पिता ने शव की गलत पहचान की
पुलिस ने गुमशुदकी का रिकॉर्ड खंगाला तो आकाश की गुमशुदगी रिपोर्ट मिल गई। पुलिस ने आकाश के पिता प्रणब सरकार को मामले की जानकारी दी और शिनाख्त के लिए पोस्टमार्टम हाउस बुलवाया। यहां पिता ने आकाश की पैंट और टैबलेट वाला बैग देखकर कहा कि यह उनका बेटा है। पुलिस अधिकारी बी. मजूमदार ने बताया कि प्रणब सरकार खुद अस्पताल जाकर पैंट और टैबलेट का बैग देखकर मृत शरीर की पहचान कर आए थे। पोस्टमार्टम के बाद शव उन्हें सौंप दिया गया। 

पुलिस पिता के खिलाफ कार्रवाई करेगी, प्रणब बोले- मैंने पहले ही कहा था शव मेरे बेटे का नहीं
पुलिस ने कहा कि प्रणब सरकार ने गलत शव की पहचान की, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं, आकाश के पिता प्रणब का कहना है कि मैंने पुलिस से बार-बार कहा था कि यह उनका बेटा नहीं है, क्योंकि शव का चेहरा मेरे बेटे के चेहरे से मेल नहीं खाता। मगर पुलिस ने शव की पहचान करने और मामले को जल्द से जल्द निपटाने का मुझपर दबाव बनाया था। तब पुलिस ने यह भी कहा था डूबने से शरीर सूज गया है। प्रणब ने बताया कि टैबलेट का जो बैग और पैंट शव के पास से मिला था, वह मेरे बेटे का ही था, मगर शव का शरीर वैसा नहीं था। वहीं, आकाश का कहना है कि वह बटाला पुल के पास रहता है और हाल ही में अपनी एक बहन से मिलकर आया है। आज उसने फोन किया तो मैं घर आया और यहां श्राद्ध कर्म देखकर हैरान रह गया। 

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