Flipkart, Amazon, Snapdeal, Grofers, Big Basket जैसी प्लेटफॉम अब जरूरी सामानों के अलावा गैर-जरूरी समानों की भी बिक्री कर सकेंगे। हालांकि अभी सप्लाई केवल ग्रीन या ऑरेंज जोन में ही हो सकेंगी।
टेक डेस्क. सरकार ने लॉकडाउन 3.0 में कुछ चीजों पर छूट दी है। इसका असर अब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर दिखना शुरू हो गया है। Flipkart, Amazon, Snapdeal, Grofers, Big Basket जैसी प्लेटफॉम अब जरूरी सामानों के अलावा गैर-जरूरी समानों की भी बिक्री कर सकेंगे। हालांकि अभी सप्लाई केवल ग्रीन या ऑरेंज जोन में ही हो सकेंगी। छूट के बाद कंपनियों ने अपनी वेबसाइट्स को अपडेट कर दिया है। लोग अब फोन, पर्सनल ग्रूमिंग आइटम्स, कपड़े आदि जैसी चीजों को ऑर्डर कर सकते हैं।
डिलीवरी में लग रहा है ज्यादा समय
हालांकि, लंबे लॉकडाउन के कारण अभी डिलीवरी में ज्यादा समय लग रहा है। जो चीज पहले एक या दो दिन में डिलीवरी हो रहा था। अब इसके लिए ग्राहकों को 10 दिनों का लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह कर्मचारियों की कम संख्या का होना है। लेकिन सबसे बड़ी बात है कि अभी भी सामानों पर कुछ हद तक डिस्काउंट दिया जा रहा है। अगर आप अमेजन से स्मार्टफोन खरीदना चाहते हैं तो यहां आपको 40% तक का डिस्काउंट मिल सकता है। साथ ही कैशबैक, नो कॉस्ट EMI और चुनिंदा बैंक कार्ड्स के जरिए खरीद पर एक्स्ट्रा फायदा अभी भी उपलब्ध है।
इसी तरह पर्सनल केयर प्रॉडक्ट्स, होम एंड किचन अप्लायंसेज, ग्रॉसरी, हाउसहोल्ड आइटम्स आदि पर भी कई कंपनिया 80 फीसदी तक की छूट दे रही है। आईसीआईसीआई बैंक क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल से खरीदारी पर 250 रुपये तक का कैशबैक और मोबिक्विक वॉलेट से पेमेंट पर 10 फीसदी का सुपरकैश ऑफर किया जा रहा है।
खतरे को देखते हुए सुरक्षा उपायों का पूरा ख्याल रख रही हैं कंपनियां
कंपनियां संक्रमण के खतरे को देखते हुए वेयरहाउसेज, डिलीवरी प्रोसेस आदि में हाइजीन, सोशल डिस्टेंसिंग सहित सभी सुरक्षा उपायों का पूरा ध्यान रख रही हैं। कॉन्टैक्टलेस डिलीवरी के लिए कंपनियां अभी कैश ऑन डिलीवरी की सुविधा नहीं दे रही है। यानी ग्राहको को केवल इस समय डिजिटल पेमेंट के जरिए ही खरीदारी करनी होगी।
फ्लिपकार्ट ने तो अपने डिलीवरी पार्टनर्स को निर्देश दिया हुआ है कि वे पैकेज को रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स के सिक्योरिटी बूथ पर ही छोड़ दें। साथ ही किसी इलेक्ट्रॉनिक सामान को इंस्टॉल करते वक्त उचित सोशल डिस्टेंस का भी पालन किया जा रहा है।