भारतीय सेना के जवानों ने महज 4 हफ्ते में बना डाला 3डी प्रिंटेड घर, पढ़ें पूरी डिटेल

भारतीय सेना की सैन्य इंजीनियरिंग सेवाओं ने निर्माण में 3डी प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करके चार सप्ताह के भीतर दो घरों का निर्माण किया

टेक डेस्क. भारतीय सेना ने पहली बार गुजरात के गांधीनगर में सैनिकों के लिए 3डी प्रिंटेड होम बनाया है। मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज (MES) ने गांधीनगर में दक्षिण पश्चिमी वायु कमान में पहली बार 3डी प्रिंटेड घरों को पूरा किया। भारतीय सेना के अधिकारियों के मुताबिक, 3डी रैपिड कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से एमईएस को केवल चार हफ्तों में ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट वाली दो पूरी तरह से 3-डी कंक्रीट प्रिंटेड, आधुनिक आवासीय इकाइयों का निर्माण करने में मदद मिली। 3डी प्रिंटेड हाउस का उद्घाटन इंजीनियर इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह की उपस्थिति में किया गया।

ये भी पढ़ें-Flipkart Sale: अब हर घर में होगा सिनेमा हॉल, स्मार्टफोन की कीमत पर मिल रहे Realme के ये Smart TV

Latest Videos

 

कैसे होते हैं 3डी प्रिंटेड घर

3डी प्रिंटेड घर घर बनाने के पारंपरिक तरीके की तुलना में बहुत कम समय लेते हैं। भारत के पहले 3डी प्रिंटेड हाउस का निर्माण आईआईटी मद्रास के स्टार्टअप तवास्टा ने किया था। कंक्रीट 3डी प्रिंटिंग त्रि-आयामी वास्तविक जीवन संरचनाओं के निर्माण के लिए एक ऑटोमैटिक निर्माण विधि है। तकनीक एक ठोस 3D प्रिंटर का उपयोग करती है जो यूजर से कम्प्यूटरीकृत 3D डिज़ाइन फ़ाइलों को स्वीकार करती है और एक सिस्टेमैटिक तरीके से 3D स्ट्रक्चर बनाती है।

ये भी पढ़ें-WhatsApp को पीछे करने Telegram ने जोड़ डाले ताबड़ तोड़ नए अपडेट, देखें क्या जुड़ा नया फीचर्स

भारतीय सेना की सैन्य इंजीनियरिंग सेवाओं ने निर्माण में 3डी प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करके चार सप्ताह के भीतर दो घरों का निर्माण किया


 

Share this article
click me!

Latest Videos

CM योगी आदित्यनाथ ने गिना दिया बंटने से अब तक क्या-क्या हुआ नुकसान #Shorts
Maharashtra Election 2024: 'कटेंगे-बटेंगे' के खिलाफ बीजेपी में ही उठने लगे सवाल। Pankaja Munde
Dehradun Car Accident: 13 दिन ली गई कार बनी 6 दोस्तों के लिए 'काल', सामने आया सबसे बड़ा सवाल
'जब तक कलेक्टरनी की मेंहदी न उतार दूं...' नरेश मीणा का एक और वीडियो हुआ वायरल
अब नहीं चलेगा मनमाना बुलडोजर, SC के ये 9 रूल फॉलो करना जरूरी । Supreme Court on Bulldozer Justice