ऐसा कहा जा रहा है कि गूगल एंड्रॉइड स्मार्टफोन यूजर्स के डेटा पर नजर रख रहा है और उनका इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रहा है। लेकिन गूगल ने इसका खंडन करते हुए कहा है कि यूजर्स का डेटा पूरी तरह सेफ है।
टेक डेस्क। ऐसा कहा जा रहा है कि गूगल एंड्रॉइड स्मार्टफोन यूजर्स के डेटा पर नजर रख रहा है और उनका इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रहा है। लेकिन गूगल ने इसका खंडन करते हुए कहा है कि यूजर्स का डेटा पूरी तरह सेफ है। बताया जा रहा है कि स्मार्टफोन यूजर्स का डेटा एक्सेस करने के लिए कंपनी ने एक इनसाइड प्रोग्राम चला रखा है। The Information की रिपोर्ट में इसके बारे में जानकारी दी गई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि गूगल इस तरह से अपने राइवल ऐप्स का यूजेस डेटा मॉनिटर करता है। किसी यूजर के फोन में किस ऐप को कितनी देर तक इस्तेमाल किया गया, इसकी जानकारी गूगल को मिल जाती है और वह ऐप्स से जुड़ा डेटा कलेक्ट करता है।
इनसाइड प्रोग्राम 'एंड्रॉइड लॉकबॉक्स'
एंड्रॉइड लॉकबॉक्स गूगल का एक इनसाइड प्रोग्राम है। The Information की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी के जरिए ऐप्स का डेटा गूगल कलेक्ट करता है। गूगल कंपनी के स्टाफ को एंड्रॉइड यूजर्स के नॉन-गूगल ऐप्स का ए्क्सेस दे सकता है और वे ऐप यूजेस का डेटा एनालाइज कर सकते हैं।
कैसे काम करता है इनसाइड प्रोग्राम
इनसाइड प्रोग्राम गूगल मोबाइल सर्विसेस के साथ काम करता है। इसके जरिए कंपनी के स्टाफ आपके फोन में मौजूद अलग-अलग ऐप्स से जुड़ी जानकारी जुटा सकते हैं। गूगल पता कर सकता है कि किसी ऐप को कितनी बार ओपन किया गया या फिर कितनी देर तक इस्तेमाल किया गया। सूत्रों के मुताबिक, इस डेटा का इस्तेमाल गूगल अपनी सर्विसेस को टक्कर देने वाले ऐप्स को मॉनिटर करने के लिए करता है।
गूगल को मांगना पड़ता है एक्सेस
गूगल अपने जीमेल के अलावा फेसबुक और इंस्टाग्राम से जुड़ा डेटा भी एनालाइज कर सकता है। इसी तरह दूसरे लोकप्रिय ऐप्स के यूजेस को मॉनिटर कर कंपनी अपनी नई सर्विसेस और ऐप्स को डेवलप करती है। हाल ही में TikTok को टक्कर देने के लिए गूगल की ओर से Shorts को डिजाइन किया गया है। हालांकि, इस जानकारी के लिए हर बार गूगल को एक्सेस मांगना होता है और ऐप डेवलपर्स एक्सेस देने से इनकार भी कर सकते हैं।
गूगल ने कहा- डेटा है सेफ
इस रिपोर्ट के सामने आने पर गूगल ने सफाई देते हुए कहा है कि इस प्रोग्राम की मदद से अलग-अलग इंजीनियर्स कॉम्पिटीटिव डेटा जुटा सकते हैं। गूगल के इस प्रोग्राम पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि हर उस गैजेट का डेटा इसकी मदद से जुटाया जा सकता है, जिसमें गूगल के ऐप्स प्री-इंस्टॉल हैं। हालांकि, गूगल ने कहा है कि यह जानकारी क्लाइंट्स को नहीं दी जाती और इसकी अथॉरिटी सिर्फ कंपनी के पास ही है। गूगल ने कहा है कि यूजर्स का डेटा कंपनी के पास सुरक्षित है।