नई दिल्ली के पूरे इलाके को कवर करने के लिए खास तरह का सुरक्षा घेरा बनाया गया है। किसी तरह का ड्रोन या कोई भी चीज आसमान में नहीं उड़ा सकते हैं। अगर कोई आसमान में ऐसी कोई चीज उड़ाता है तो उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
टेक डेस्क : दुनिया के तमाम ताकतवर नेता G20 समिट में हिस्सा लेने दिल्ली पहुंचने लगे हैं। अमेरिका से लेकर ब्रिटेन तक के राष्ट्राध्यक्ष इस सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं। इसी को देखते हुए पूरी दिल्ली समेत प्रगति मैदान की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। चप्पे-चप्पे पर जवान तैनात हैं। सुरक्षा एजेंसियां नजर बनाए हुए हैं। ड्रोन और उड़ने वाले ऑब्जेक्ट को रोकने के लिए भी खास तरह की टेक्नोलॉजी लगाई गई है। ऐसी ही एक खास और हाईटेक टेक्नोलॉजी है काउंटर ड्रोन सिस्टम (Counter Drone System). जो प्रगति मैदान की पहरेदारी कर रहा है। आइए जानते हैं यह क्या है और कैसे काम करता है?
क्या है काउंटर ड्रोन सिस्टम
नई दिल्ली के पूरे इलाके को कवर करने के लिए खास तरह का सुरक्षा घेरा बनाया गया है। किसी तरह का ड्रोन या कोई भी चीज आसमान में नहीं उड़ा सकते हैं। अगर कोई आसमान में ऐसी कोई चीज उड़ाता है तो उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा। ड्रोन हमले के खतरे को टालने के लिए दिल्ली की कुछ प्रमुख और ऊंची बिल्डिंग्स पर खास तरह का डिफेंस सिस्टम लगा दिया गया है।
काउंटर ड्रोन सिस्टम कैसे काम करता है
यह एक मिसाइल सिस्टम जैसा डिवाइस है, जो आसमान में उड़ते किसी भी ड्रोन को डिटेक्ट कर लेगा और कुछ ही सेकेंड में मार गिराएगा। इसे काउंटर ड्रोन सिस्टम के नाम से जाना जाता है। इस पर एक खास तरह का रडार लगा है। जिसका काम हवा में उड़े रहे ड्रोन को जल्दी और दूर से ही डिटेक्ट करना होता है। जैसे ही रडार ने ड्रोन होने का संकेत दिया, सिस्टम में लगी गन एक्टिवेट हो जाएगी और उस ड्रोन को मार गिराएगा। इसके अलावा जी-20 समिट की सुरक्षा को लेकर कमांडो और स्नाइपर्स की टीम भी पूरी तरह तैनात है जो किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम है।
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