इस App पर खुलेआम लगती है इंसानों की सेल, किराए पर मिलती हैं घर में काम करने वाली महिलाएं, बेचे जाते हैं नौकर-चाकर

Published : Feb 02, 2023, 11:52 AM IST
humans selling app

सार

21वीं सदी में इस तरह इंसानों का खरीदा जाना और बेचना हैरानी भरा है। यूएन भी इस ऑनलाइन शॉपिंग की निंदा कर चुका है, बावजूद इसके इस ऐप पर धड़ल्ले से कामगर खरीदे और बेचे जा रहे हैं। जिसको रोकने की भी मांग उठ रही है।

टेक डेस्क : एक ऐसा भी ऐप है, जिस पर इंसानों की खरीद-फरोख्त होती है। यहां घर में काम करने के लिए महिलाएं, नौकर-चाकर बेचे जाते हैं। कुछ लोग इन्हें किराए पर भी लेकर जाते हैं। दरअसल, सऊदी अरब (Saudi Arabia) की ऑनलाइस शॉपिंग ऐप हराज (Haraj App) पर इंसानों की सेल लगती है। गूगल (Google) के प्ले स्टोर पर भी इस समय कई ऐसे ऐप हैं, जिस पर विदेशी कामगरों की सेलिंग होती है। इन्ही में से एक सऊदी अरब की हराज ऑनलाइन शॉपिंग ऐप है। जिस पर खुलेआम इंसान खरीदे और बेचे जाते हैं।

रोजाना 5 लाख से ज्यादा इस्तेमाल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हराज ऐप को हर दिन 5 लाख से ज्यादा लोग यूज कर रहे हैं। सऊदी अरब की सबसे बड़े ऐप में से यह एक है। इस ऐप पर हर तरह का नया और पुराना सामान खरीदा और बेचा जाता है। हाल ही में एक जानकारी भी सामने आई है, जिसके मुताबिक इस ऐप पर सामानों के साथ ही इंसानों की खरीद-फरोख्त होती है।

इंसानों के बेचने की हर दिन कई पोस्ट

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सऊदी के लोग हर दिन कई ऐसी पोस्ट डालते हैं, जिसमें इंसानों को खरीदा और बेचा जाता है। इस ऐप पर घर में काम करने वाली महिलाएं, नौकर, ड्राइवर या विदेशी कामगर बेचे या किराए पर दिए जाते हैं।

कफाला सिस्टम के तहत होता है काम

दरअसल, भारत, पाकिस्तान और बंग्लादेश जैसे देशों से बड़ी संख्या में लोग काम की तलाश में सऊदी जाते हैं। उनके पास वहां की नागरिकता नहीं होती है। ऐसे में जब तक उनकी कोई कानूनी जिम्मेदारी नहीं लेता है, तब तक वे वहां काम नहीं कर सकते हैं। इसे कफाला कहते हैं और मजदूर की कानूनी जिम्मेदारी लेने वाले को कफील कहते हैं।

गुलामों जैसा काम कराते हैं

कफील बाहर से आने वाले कामगरों को अपने मन के मुताबिक काम कराते हैं और अपनी शर्तों पर कॉन्ट्रैक्ट देते हैं। दूसरे देशों से सऊदी जाने वाले लोग भी हराज पर पोस्ट डालते हैं। सऊदी में समान की तरह बिकने वाले इन लोगों से गुलामों जैसा सलूक किया जाता है। कई कफील तो उनका पासपोर्ट ही जब्त कर लेते हैं और गलत व्यवहार भी करते हैं।

गैर-कानूनी है इस तरह का काम

बता दें कि सऊदी अरब, कुवैत, कतर और जॉर्डन जैसे देशों में कफाला को कानूनी मान्यता प्राप्त हैं लेकिन इस तरह इंसानों की खरीद-फरोख्त गैर-कानूनी है। संयुक्त राष्ट्र ने भी साल 2020 में इस ऐप को गुलामी को बढ़ावा देने वाला ऐप बताया था, लेकिन इस पर रोक नहीं लग पाई है।

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