आजादी के 76 सालों में हिंदुस्तान ने हर क्षेत्र में तरक्की की है। टेक्नोलॉजी में भी इंडिया का दम पूरी दुनिया देख रही है। आज दुनियाभर में इंटरनेट का रोल काफी बढ़ गया है। इससे जुड़े कई इनोवेशन में भारतीयों का काफी योगदान है।
टेक डेस्क : भारत में आज हर तरफ स्वतंत्रता दिवस की धूम है। पूरी दुनिया में रहने वाले भारतीय भी इस दिन को सेलिब्रेट कर रहे हैं। आजादी के 76 सालों में हिंदुस्तान ने हर क्षेत्र में तरक्की की है। टेक्नोलॉजी में भी इंडिया का दम पूरी दुनिया देख रही है। आज दुनियाभर में इंटरनेट का रोल काफी बढ़ गया है। घर-घर ऑप्टिकल फाइबर और वायरलेस मोबाइल फोन की पहुंच है। इंटरनेट से जुड़े कई इनोवेशन में भारतीयों का काफी योगदान रहा है। आज स्वतंत्रता दिवस (Swatantrata Diwas 2023) के मौके पर हम आपको ऐसे आविष्कारों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर आपको भी गर्व होगा।
UPI
आज हर कोई UPI यानी इंस्टैंट ऑनलाइन मनी ट्रांसफर सिस्टम का इस्तेमाल कर रहा है। इस टेक्नोलॉजी को दुनिया में पहुंचाने का काम भारत ने किया है। सबसे फास्ट और भरोसेमंद पेमेंट गेटवे का विस्तार अब दुनियाभर में हो रहा है। यूपीआई को नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बनाया है।
ऑप्टिकल फाइबर (Optical Fibre)
इंटरनेट कनेक्टिविटी में ऑप्टिकल फाइबर का रोल तो हम सभी जानते हैं। इसकी मदद से ही इंटरनेट पहुंचाया जा रहा है। लेकिन बहुत कम लोग ही जानते हैं कि ऑप्टिकल फायर की खोज पंजाब के मोगा के नरिंदर सिंह कपानी ने की थी। भौतिक विज्ञानी नरिंदर सिंह कपानी ऑप्टिकल फाइबर के जनक हैं।
USB
जिस यूएसबी केबल का यूज आप मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर में कर रहे हैं क्या आप जानते हैं उसे किसने बनाया है। उसका आविष्कार भी एक भारतीय अजय वी भट्ट ने किया है। अजय वी भट्ट इंडो-अमेरिकी कंप्यूटर आर्किटेक्ट थे। आज इस डिवाइस का दुनियाभर में इस्तेमाल होता है।
वायरलेस टेक्नोलॉजी
वायरलेस (Wireless Communication Technology) एक ऐसा डिवाइस है, जो बिना वायर के फोन कॉल से लेकर कनेक्टिविटी तक रेडियो तरंगों से करता है। इसे बनाने वाले भी भारतीय ही हैं, जिनका नाम सर जगदीश चंद्र बोस (Jagadish Chandra Bose) था। उन्होंने 1895 में कम्युनिकेशन के लिए रेडियो तरंगों का इस्तेमाल कर वायरलेस संचार तकनीक बनाया था।
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