Google, Facebook, Twitter संभल जाओ...फेक कंटेंट कंट्रोल करो वरना नहीं मिलेगी 'सुरक्षा की गारंटी'

आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स स्टेट मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि 'सरकार का ये कदम मीडिया को सेंसर करना नहीं बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से फेक और गुमराह करने वाली जानकारी के सर्क्युलेशन को कंट्रोल करना है।

Satyam Bhardwaj | Published : Apr 7, 2023 5:24 AM IST / Updated: Apr 07 2023, 10:59 AM IST

टेक डेस्क : फेक न्यूज को लेकर मोदी सरकार सख्त हो गई है। आईटी मिनिस्ट्री का नया नियम प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) को यह पावर देगा, जिसकी मदद से पीआईबी केंद्र सरकार के खिलाफ फेक और गुमराह करने वाले कंटेंट को चेक कर सकेगा। इसके बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Google, Facebook और Twitter को इन कंटेंट को हटाने को कहेगा। अगर ये कंपनियां पीआईबी फैक्ट चेक के आदेश का पालन नहीं करती हैं तो वे अपनी सेफ हार्बर इम्यूनिटी खो सकते हैं। सेफ हार्बर इम्यूनिटी प्लेटफॉर्म पर यूजर्स की पोस्ट में किसी भी फ्रॉड या झूठे कंटेंट के खिलाफ सुरक्षा की गारंटी देता है। गुरुवार को इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने इसकी जानकारी दी है।

फेक न्यूज को कंट्रोल करना है - राजीव चंद्रशेखर

आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स स्टेट मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि 'सरकार का ये कदम मीडिया को सेंसर करना नहीं बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से फेक और गुमराह करने वाली जानकारी के सर्क्युलेशन को कंट्रोल करना है। पीआईबी में फिलहाल किसी तरह का फैक्ट चेकिंग यूनिट नहीं है। नए नियमों के मुताबिक, इसे बनाने की जरूरत है।' उन्होंने बताया कि 'इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे गूगल, फेसबुक, ट्विटर और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर एक मीडिएटर के दायरे में आते हैं। सेफ हार्बर कानून किसी भी यूजर के द्वारा ऑनलाइन पोस्ट की गई किसी भी आपत्तिजनक कंटेंट से उन्हें कानूनी कार्रवाई से बचाता है। आईटी नियम 2021 के तहत गाइडलाइंस जारी करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फैक्ट चेक पर काम चल रहा है।'

फेक न्यूज पर मोदी सरकार सख्त

'केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के मुताबिक, पीआईबी के फैक्ट चेक यूनिट के लिए अकाउंटेबिलिटी और प्रॉसेस तैयार किया जाएगा। गलत और फेक इन्फॉर्मेशन से निपटने के लिए सरकार की तरफ से यह एक क्लियर और सिन्सेयर एफर्ट है।' बता दें कि कुछ महीने पहले ही भारत सरकार की तरफ से नेटवर्क और सिस्टम को नुकसान पहुंचाने वाले मालवेयर और बॉटनेट की जांच के लिए साइबर हाइजीन सेंटर बनाया गया है। केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया के तहत तैयार इस सेंटर का उद्देश्य हाइजीन साइबर स्पेस बनाना और बॉटनेट वायरस की पहचान कर नेटवर्क और सिस्टम को सुरक्षा देना है।

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