Youtube ने आखिर क्यों डिलीट किए एक हजार से ज्यादा Videos, जानें कारण

यूट्यूब ने एआई जनरेटेड सेलिब्रिटी से जुड़े विज्ञापन वीडियो को प्लेटफॉर्म से हटा दिया है। सबसे ज्यादा इंटरनेशनल सेलिब्रिटी को निशाने पर है। ट्रेलर स्विफ्ट के डीपफेक वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। अब यूट्यूब ने अपने नियम सख्त कर दिए है।

Nitesh Uchbagle | Published : Jan 27, 2024 9:10 AM IST / Updated: Jan 27 2024, 04:44 PM IST

टेक डेस्क. यूट्यूब ने अपने प्लेटफॉर्म से एक हजार से ज्यादा वीडियो डिलीट किए हैं। ये स्कैम वीडियो है, जिसे एआई टेक्नोलॉजी की मदद से बनाए गए थे। इन वीडियो की मदद से विज्ञापन बनाए जाते थे। यूट्यूब ने बताया कि एआई आधारित सेलिब्रिटी स्कैम विज्ञापन से निपटने की पूरी कोशिश की जा रही है।

इंटरनेशनल सेलिब्रिटी निशाने पर 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूट्यूब ने 1 हजार से ज्यादा वीडियो हटा दिए हैं, जिसमें टेलर स्विफ्ट, स्टीव हार्वे और जो रोगन जैसे वर्ल्ड फेमस सेलिब्रिटी शामिल हैं। इन सेलिब्रिटीज के एआई की मदद से तैयार वीडियो में  मेडिकेयर स्कैम को प्रमोट करने वाले विज्ञापन शामिल है। इन वीडियो को लगभग 200 मिलियन बार देखा जा चुका था। यूजर और डीप फेक का शिकार हुए सेलेब्रिटीज की बार-बार की गई शिकायत के बाद यूट्यूब ने एक्शन लिया है। इस मामले ने यूट्यूब में कहा कि हमें इस मामले की जानकारी है। ऐसे में हम सेलेब्रिटीज के डीप फेक वीडियो को फैलने से रोकने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

और भी एआई जनरेटेड कॉन्टेंट हटाए जा रहे

यूट्यूब ने इस महीने की शुरुआत में ही एआई जनरेटेड कंटेंट के खिलाफ कार्रवाई का खुलासा किया है। कंपनी ने उत्पीड़न और साइबर बुलिंग की नीतियों को भी अपडेट किया है। यूट्यूब ने साफ तौर से स्पष्ट किया है कि इस गाइडलाइन का उल्लंघन करने वाले वीडियो को प्लेटफॉर्म से हटा दिया जाएगा। साथ ही क्रिएटर को ईमेल के माध्यम सूचित किया जाएगा।

कुछ कॉन्टेंट से वॉइस क्लोनिंग भी

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मृत या लापता बच्चों की आवाज का उपयोग कर एआई की मदद से वॉइस क्लोनिंग की जा रही है। इस वॉइस क्लोनिंग के जरिए लापता होने या मौत के कारण के फेक ऑडियो मैसेज तैयार किए जा रहे है।

टेलर स्विफ्ट का डीपफेक जनरेटेड सेक्सुअल वीडियो वायरल

टेलर स्विफ्ट के चेहरे का इस्तेमाल करके एआई की मदद से सेक्सुअल डीपफेक वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर वायरल किया गया। इस पोस्ट को हटाए जाने से पहले 45 मिलियन से ज्यादा बार देखा गया। इस वीडियो को 24 हजार बार पोस्ट किया गया।

साइबर सुरक्षा फर्म के मुताबिक 96% डीपफेक वीडियोज अश्लील होते है, जिनमें सबसे ज्यादा टारगेट महिलाओं को किया जाता है।

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