नए आईटी नियमों को लेकर हाईकोर्ट ने लगाई ट्विटर को फटकार, कोर्ट ने कहा- सरकार ले सकती है एक्शन

एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने पूछा कि क्या ट्विटर नए नियमों की अवहेलना कर रहा है। इस सवाल का केंद्र ने हां में जवाब दिया। बता दें कि 26 फरवरी से नियमों का पालन करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 6, 2021 8:27 AM IST / Updated: Jul 06 2021, 03:35 PM IST

नई दिल्ली. ट्विटर ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि उसने अभी तक केंद्र के नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों (new IT rules) का पालन नहीं किया है। हालांकि, उसने कहा कि फिलहाल ऐसा करने की प्रक्रिया में है।

 

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एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने पूछा कि क्या ट्विटर नए नियमों की अवहेलना कर रहा है। इस सवाल का केंद्र ने हां में जवाब दिया। बता दें कि 26 फरवरी से नियमों का पालन करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था।  ट्विटर ने भी इस बात पर सहमति जताई कि उन्होंने "आज तक" नियमों का पालन नहीं किया है। अमित आचार्य द्वारा जनहित याचिका दायर की गई थी और शिकायत की गई थी कि ट्विटर ने अभी तक निवासी शिकायत अधिकारी नियुक्त नहीं किया है।

इसे भी पढ़ें- टेंशन में Twitter: शिकायत अधिकारी ने दिया इस्तीफा, IT नियमों के तहत अनिवार्य है यह पद

कोर्ट ने जताई नाराजगी 
ट्विटर के बयान के बाद हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है।  कोर्ट ने कहा- अब केंद्र सरकार, ट्विटर पर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है और अब कंपनी को सुरक्षा नहीं दी जा सकती। इसके अलावा दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्विटर की ओर से की जा रही देरी पर नाराजगी जताई है। ट्विटर की ओर से शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति को लेकर देरी की जा रही है, जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है।

फरवरी से चल रहा विवाद
ट्विटर और सरकार के बीच तनातनी फरवरी से चल रही है। किसान आंदोलन को लेकर ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी को लेकर भद्दी आलोचनाएं पब्लिश हो रही थीं। आईटी मिनिस्ट्री ने ट्विटर ने यह कंटेंट ब्लॉक करने को कहा था। लेकिन ट्विटर ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बताकर विवाद खड़ा कर दिया था।

सरकार ने यह जारी की थी गाइडलाइन

  1. सोशल मीडिया कंपनियां भारत में अपने 3 अधिकारियों, चीफ कॉम्प्लियांस अफसर, नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन और रेसिडेंट ग्रेवांस अफसर नियुक्त करेंगी। इनका आफिस भारत में ही होना चाहिए। ये अपना संपर्क नंबर वेबसाइट पर पब्लिश करेंगी।
  2. सभी कंपनियां शिकायत के लिए एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएंगी। शिकायतों पर 24 घंटे के अंदर संज्ञान लिया जाएगा। वहीं, संबंधित अधिकारी 15 दिनों के अंदर शिकायतकर्ता को जांच की प्रगति रिपोर्ट देगा। 
  3. सभी कंपनियां ऑटोमेटेड टूल्स और तकनीक के जरिए कोई ऐसा सिस्टम बनाएंगी, जिससे रेप, बाल यौन शोषण से संबंधित कंटेंट को पहचाना जा सके। साथ ही यह किसने पोस्ट किया, वो भी पता चल सके। इस पर सतत निगरानी होनी चाहिए।
  4. सभी कंपनियां हर महीने एक रिपोर्ट पब्लिश करेंगी, जिसमें शिकायतों के निवारण और एक्शन की जानकारी होगी। जो कंटेंट हटाया गया, वो भी बताना होगा। 

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