सार
सूचना और प्रसारण मंत्रालय(IT मिनिस्ट्री) की नई सोशल मीडिया गाइड लाइन को लेकर लंबे समय से विवादों में घिरे Twitter इंडिया को एक नई टेंशन ने घेर लिया है। उसके ग्रीवांस ऑफिसर (शिकायत अधिकारी) धर्मेंद्र चतुर ने पोस्ट से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने ऐसा क्यों किया, अभी इसकी वजह सामने नहीं आई है।
नई दिल्ली. सोशल मीडिया की नई गाइडलाइन को लेकर सरकार से 'पंगा' लेकर अपने लिए नित नई मुसीबत मोल लेने वाले Twitter इंडिया के सामने अब घर में ही तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। उसके ग्रीवांस ऑफिसर धर्मेंद्र चतुर ने पोस्ट से इस्तीफा दे दिया है। उनकी पिछले हफ्ते ही इस पद पर नियुक्ति हुई थी। उन्होंने ऐसा क्यों किया, इसकी वजह सामने नहीं आई है, लेकिन Twitter इंडिया ने इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की है। धर्मेंद्र चतुर का नाम वेबवाइट से हटा दिया गया है।
IT रूल्स 2021 के तहत ग्रीवांस ऑफिसर की नियुक्ति अनिवार्य है
सोशल मीडिया के जरिये हिंसात्मक संदेशों, फेक न्यूज और मानसिक प्रताड़ना आदि को रोकने के अलावा यूजर्स की शिकातयों के त्वरित निराकरण की दिशा में सूचना और प्रसारण मंत्रालय(IT मिनिस्ट्री) ने नई सोशल मीडिया गाइड लाइन लागू की है। IT रूल्स 2021 के तहत अब हर सोशल मीडिया कंपनी को ग्रीवांस ऑफिसर की नियुक्ति करना अनिवार्य किया गया है। इनके नाम और संपर्क को वेबसाइट पर दिखाना होगा। धर्मेंद्र चतुर के इस पद से इस्तीफा देने के बाद Twitter इंडिया की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।
फरवरी से चल रहा विवाद
ट्विटर और सरकार के बीच तनातनी फरवरी से चल रही है। किसान आंदोलन को लेकर ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी को लेकर भद्दी आलोचनाएं पब्लिश हो रही थीं। आईटी मिनिस्ट्री ने ट्विटर ने यह कंटेंट ब्लॉक करने को कहा था। लेकिन ट्विटर ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बताकर विवाद खड़ा कर दिया था। पिछले दिनों संसदीय समिति के समक्ष ट्वीटर को तमाम मुद्दों के अलावा महिलाओं की सुरक्षा संबंधी उपायों के बारे में अपनी बात रखे तलब भी किया गया था।
सरकार ने यह जारी की थी गाइडलाइन
- सोशल मीडिया कंपनियां भारत में अपने 3 अधिकारियों, चीफ कॉम्प्लियांस अफसर, नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन और रेसिडेंट ग्रेवांस अफसर नियुक्त करेंगी। इनका आफिस भारत में ही होना चाहिए। ये अपना संपर्क नंबर वेबसाइट पर पब्लिश करेंगी।
- सभी कंपनियां शिकायत के लिए एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएंगी। शिकायतों पर 24 घंटे के अंदर संज्ञान लिया जाएगा। वहीं, संबंधित अधिकारी 15 दिनों के अंदर शिकायतकर्ता को जांच की प्रगति रिपोर्ट देगा।
- सभी कंपनियां ऑटोमेटेड टूल्स और तकनीक के जरिए कोई ऐसा सिस्टम बनाएंगी, जिससे रेप, बाल यौन शोषण से संबंधित कंटेंट को पहचाना जा सके। साथ ही यह किसने पोस्ट किया, वो भी पता चल सके। इस पर सतत निगरानी होनी चाहिए।
- सभी कंपनियां हर महीने एक रिपोर्ट पब्लिश करेंगी, जिसमें शिकायतों के निवारण और एक्शन की जानकारी होगी। जो कंटेंट हटाया गया, वो भी बताना होगा।
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