वैज्ञानिकों ने बताया च्यूइंगम चबाने का फायदा और चार साल तक खाए अगर आलू के चिप्स तो वजन कम होगा या ज्यादा

मनुष्य हर दिन कुछ नई चीजों के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहता है, लेकिन कुछ ऐसी चीजें भी होती हैं, जो हर दिन आंखों के सामने होती हैं फिर भी उनसे जुड़ी बातों पर हम ध्यान नहीं देते हैं। ऐसी की कुछ रहस्य आज हम आपको बताने जा रहे हैं.
 

नई दिल्ली : दुनिया रहस्यों और रोमांच से भरी हुई है। मनुष्य हर दिन कुछ नई चीजों के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहता है, लेकिन कुछ ऐसी चीजें भी होती हैं, जो हर दिन आंखों के सामने होती हैं फिर भी उनसे जुड़ी बातों पर हम ध्यान नहीं देते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानने के बाद शायद आप उस पर यकीन करने से पहले कई बार सोचेंगे। जैसे क्या आप जानते हैं कि नवजात बच्चों के आंसू रोने पर नहीं निकलते हैं..

आलू के चिप्स से तेजी से बढ़ाता है वजन
आमतौर पर लोगों को आलू का चिप्स (Potato Chips) खाना पसंद होता है, लेकिन आप यह जानकर हैरानी होगी कि आलू के चिप्स से तेजी से वजन बढ़ता है। इस बात का खुलासा एक अध्ययन में हुआ है। यह अध्ययन हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने 120,000 लोगों पर किया गया है। अध्ययन से पता चला है कि आलू के चिप्स चार वर्षों में प्रति व्यक्ति औसतन 1.69 पाउंड वजन बढ़ता है। 

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च्यूइंगम चबाने से होती है कम सीने की जलन
मुंह से दुर्गंध न आए, इसलिए कई लोग च्यूइंगम (chewing gum) चबाते हैं। कुछ ऐसे भी होते हैं, जो स्वाद बदलने के लिए इसका सेवन करते हैं। मगर च्यूइंगम के अनेक फायदे भी हैं, जो बहुत कम ही लोगों को पता होते हैं। बता दें कि भोजन के बाद च्यूइंगम चबाने से सीने की जलन कम होती है। कुछ लोगों को एसिड रिफ्लक्स (पेट के एसिड का भोजन नली में आ जाना) और  सीने में जलन की समस्या रहती है। लेकिन अगर आप भोजन के बाद च्यूइंगम  को चबाते हैं तो इससे भोजन नली में एसिड का आना कम होता है। च्यूइंगम चबाने से लार का स्राव बढ़ता है, जिससे एसिड ज्यादा तेजी से कम होता है। इससे सीने में जलन हो सकती है।

रोने पर भी नहीं निकलते हैं नवजात बच्चों के आंसू,
नवजात शिशु हर किसी को पसंद होते हैं, लेकिन ये अपनी हर जरूरत के बारे में रोकर ही बताते हैं, शायद ही आपने कभी नोटिस किया है कि रोने पर नवजात शिशु की आंखों से एक बूंद आंसू नहीं निकलते हैं, यह सत्य है। इसके पीछे की वजह यह है कि एक से तीन महीने के बच्चे की आंसू नलिकाएं पूरी तरह से विकसित नहीं हुई रहती हैं। इसलिए बच्चे जोर-जोर से रोकर अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं।

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