40 साल बाद 58 साल के MLA 10वीं का एग्जाम देने पहुंचे, उत्साहित थे-घबराहट भी थी लेकिन चरम पर था हौंसला

ये हैं ओडिशा के फूलबनी से बीजू जनता दल(बीजद) के विधायक अंद कन्हार। इनकी उम्र है 58 साल। ये पारिवारिक कठिनाइयों चलते 10वीं पास नहीं कर सके थे। इसका उन्हें पिछले 40 साल से मलाल था। आखिरकार उन्होंने फिर से पढ़ाई करने की ठानी और अपने बचपन के दोस्तों के साथ 10वीं का एग्जाम दे रहे हैं।

फूलबनी, ओडिशा. कहते हैं कि शिक्षा हासिल करने की कोई उम्र नहीं होती। अब इनसे ही मिलिए! ये हैं ओडिशा के फूलबनी से बीजू जनता दल(बीजद) के विधायक अंगद कन्हार (Odisha MLA Angad Kanhar)। इनकी उम्र है 58 साल। ये पारिवारिक कठिनाइयों चलते 10वीं पास नहीं कर सके थे। इसका उन्हें पिछले 40 साल से मलाल था। आखिरकार उन्होंने फिर से पढ़ाई करने की ठानी और अपने दोस्तों के साथ 10वीं का एग्जाम दे रहे हैं। कोंध जनजाति से ताल्लुक रखने वाले कान्हर पूरे उत्साह के साथ एग्जाम दे रहे हैं।

ड्राइवर ने बढ़ाया उत्साह
ओडिशा बोर्ड(Odisha Board Exam) की 10वीं परीक्षाएं शुक्रवार से शुरू हुई हैं। इस साल 5.8 लाख परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। इनमें से एक परीक्षार्थी कंधमाल जिले के बीजद के विधायक अंगद कन्हार भी हैं। 58 साल के अंगद कन्हार 40 साल पहले मैट्रिक परीक्षा से ड्रॉप आउट थे। कन्हार कंधमाल जिले के पीताबारी गांव के रुजंगी हाई स्कूल में शुक्रवार को 10वीं बोर्ड का एग्जाम देने पहुंचे थे। वे अकेले नहीं थे। उनके साथ 1978 के बैचमेट सुदर्शन कन्हार भी थे। सुदर्शन कंधमाल में लुइसिंग ग्राम पंचायत के सरपंच हैं। दोनों जनप्रतिनिधियों के साथ विधायक के 24 साल के ड्राइवर पिताबासा दिगल भी थे। विधायक के मुताबिक, उनके ड्राइवर ने ही एग्जाम देने प्रोत्साहित किया।

बच्चों की तरह एग्जाम की घबराहट और खुशी दोनों थी
एग्जाम के समय अंगद कन्हार की स्थिति भी बाकी परीक्षार्थियों जैसी थी। उत्साह भी और घबराहट भी। उन्होंने कहा-“मैं दसवीं कक्षा की परीक्षा में फिर से बैठने के लिए शर्मिंदा नहीं हूं। मैंने ऐसे कई उदाहरण देखे हैं जिनमें 60 और 70 वर्ष से अधिक आयु के लोग परीक्षा में बैठे हैं। स्कूल की परीक्षा में मेरी उपस्थिति एक संदेश देगी कि उम्र एक अकादमिक डिग्री हासिल करने में बाधा नहीं होनी चाहिए। ” 

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अंगद ने बताया कि उन्हें पंचायत के सदस्यों और उनके ड्राइवर ने परीक्षा देने के लिए प्रोत्साहित किया। अंगद बोले कि उन्हें नहीं पता कि वे परीक्षा पास कर पाएंगे या नहीं, लेकिन उन्होंने कोशिश की है। बता दें कि इससे पहले 2017 में कंधमाल जिले के 46 वर्षीय बीजद विधायक राजीव पात्रा ने स्कूल छोड़ने के तीन दशक से अधिक समय बाद मैट्रिक की परीक्षा पास की थी।

आम परीक्षार्थियों की तरह नकल चेक हुई
परीक्षा केंद्र अधीक्षक अर्चना बासा के मुताबिक, विधायक को अलग से कुछ भी ट्रीटमेंट नहीं दिया गया था। अन्य छात्रों की तरह ही नकल विरोधी नियमों के तहत उनकी तलाशी ली गई थी। इस साल 10वीं कक्षा की राज्य बोर्ड परीक्षा में 5,85,730 छात्र शामिल हो रहे हैं। परीक्षा 3,540 केंद्रों पर आयोजित की जा रही है। 

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