कहानी महिला अग्निवीरों की..चेतना शर्मा ने दिखाई आकाश की ताकत, दिशा अमृत ने किया नेवी का नेतृत्व, सिंधु रेड्डी के हाथ एयरफोर्स की कमान

गणतंत्र दिवस की झांकी में महिला शक्ति का शौर्य देखने को मिला। तीनों सेनाओं की कमान देश की बेटियों ने संभाला। लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा ने आकाश, लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत ने नेवी और सिंधु रेड्डी ने एयरफोर्स को लीड किया।

Satyam Bhardwaj | Published : Jan 26, 2023 9:08 AM IST

ट्रेंडिंग डेस्क : 74वें गणतंत्र दिवस के परेड (74th Republic Day Parade) में दुनिया ने हिंदुस्तान की ताकत देखी। इस परेड में नारी शक्ति का शौर्य भी दुनिया ने देखा। तीनों सेनाओं का नेतृत्व महिला बिग्रेड ने किया। 3 महिला और 6 पुरुष अग्निवीर पहली बार कर्तव्य पथ (Kartavyapath) पर दिखाई दिए। लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा (lieutenant Chetna Sharma) ने जहां आकाश की ताकत दिखाई तो वहीं, लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत (Lieutenant Commander Disha Amrit) ने नेवी का नेतृत्व किया, जबकि सिंधु रेड्डी (Squadron Leader Sindhu Reddy) ने एयरफोर्स को लीड किया। आइए जानते हैं शक्ति का शौर्य बनकर गणतंत्र दिवस पर दुनिया का ध्यान खींचने वाली इन महिला 'अग्निवीरों' के शौर्य की कहानी..

कौन हैं लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा

लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा इंडियन आर्मी (Indian Army) की वायु रक्षा रेजिमेंट में सैन्य अधिकारी हैं। वह राजस्थान के खाटू श्याम गांव की रहने वाली हैं। चेतना शर्मा NIT भोपाल से ग्रेजुएशन करने के बाद सिविल सेवा प्रवेश परीक्षा की तैयारी में जुट गईं। लगातार 5 प्रयास में असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और 6वें प्रयास में आखिरकार उन्हें सफलता मिली। गणतंत्र दिवस पर चेतना शर्मा डेयरडेविल्स टीम का हिस्सा बन मेड-इन-इंडिया आकाश मिसाइल सिस्टम को लीड करते हुए मोटरसाइकिल की सवारी करती दिखाई दीं।

लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत कौन हैं

मंगलुरु की रहने वाली दिशा अमृत ने कर्नाटक के BMS कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से कंप्यूटर साइंस में पढ़ाई की है। साल 2008 में दिशा NCC की गणतंत्र दिवस टीम का हिस्सा थीं। यहीं से उनका सपना बन गया था कि एक दिन वे तीनों सेनाओं में से किसी एक दल के लिए मार्चिंग करेंगी। इस सपने को पूरा करने में उनका साथ दिया उनके माता-पिता ने। पिता भी सशस्त्र बल में जाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने बेटी का सपना पूरा करने में हरसंभव मदद की। साल 2016 में दिशा नौसेना में शामिल हुई थीं। एक साल की ट्रेनिंग के बाद 2017 में उनकी तैनाती अंडमान और निकोबार में हुई। दिशा वर्तमान में डॉर्नियर विमान की एविएटर हैं। आज सपना पूरा होने पर उन्होंने कहा, 'मैं तब ज्यादा खुश होती हूं, जब लोग मुझे महिला अधिकारी नहीं सिर्फ अधिकारी कहते हैं। इससे मुझे लगता है कि मैं अपने साथी पुरुष अधिकारियों के बराबर हूं।' 74वें गणतंत्र दिवस परेड में इंडियन नेवी को लीड किया। इस टुकड़ी में 144 नौसैनिक शामिल हुए और इस बार नौसेना की थीम ‘नारी शक्ति’ है।

एयरफोर्स को लीड करने वाली स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी कौन हैं

गणतंत्र दिवस पर स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी ने एयरफोर्स को लीड किया। सिंधु ने जब 12वीं की परीक्षा पास की थी, तब पिता को बताया कि उनका सपना NDA में जाने का है। पिता कुछ देर सोचते रहे, क्योंकि वे जानते थे कि तब NDA में लड़कियां नहीं जा सकती थी। लेकिन उन्होंने बेटी के हौसले को नहीं तोड़ा और उसे आगे बढ़ने की सलाह दी। वे चाहते थे कि बेटी को इसके बारें में खुद ही जानकारी मिले। ऐसा ही हुआ, जब सिंधु फॉर्म भरने पहुंची तो उन्हें पता चला कि NDA में लड़कियां नहीं जा सकती हैं। इस खबर से सिंधु निराश हुई लेकिन उनका हौसला कम नहीं हुआ और उन्होंने इंजीनियरिंग के जरिए एयरफोर्स में एंट्री का रास्ता ढूंढ निकाला।

बचपन से जहाज उड़ाना चाहती थीं सिंधु

सिंधु का सपना बचपन से ही जहाज उड़ाने का था। जब उन्हें पता चला कि एयरफोर्स में जाकर उन्हें यह मौका मिल सकता है तो उन्होंने खूब मेहनत की। सिंधु बेंगलुरु में एयर शोज देखने हमेशा जाया करती थीं। इंजीनियरिंग के बाद जब उन्होंने एयरफोर्स की परीक्षा दी तो उन्हें सफलता मिली और फिर डेढ़ साल की ट्रेनिंग के बाद एयरफोर्स की फ्लाइंग ब्रांच में मौका मिला। उनकी पोस्टिंग नॉर्थ और ईस्टर्न बॉर्डर पर की गई। अब सिंधु चेतक और चीता हेलिकाप्टर्स में उड़ान भरती हैं। गणतंत्र दिवस पर एयरफोर्स की अगुवाई कर वह गर्व महसूस कर रही हैं।

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