रिपोर्ट के मुताबिक, 57 प्रतिशत से अधिक भारतीय कर्मचारी ज्यादा वर्कलोड फील करते हैं। वहीं 32 प्रतिशत कर्मचारी ज्यादा थकान महसूस करते हैं। उनका मानना है कि लॉकडाउन में डिजिटल काम बढ़े हैं।
नई दिल्ली. कोरोना महामारी में अधिकतर कर्मचारियों ने वर्क फ्रॉम होम किया। ऐसे में एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसके मुताबिक, साल 2020 के मार्च महीने में वर्क फ्रॉम होम के दौरान उनके काम का लोड बढ़ गया। माइक्रोसॉफ्ट के पहले वार्षिक वर्क ट्रेंड इंडेक्स में इस बात का खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 57 प्रतिशत से अधिक भारतीय कर्मचारी ज्यादा वर्कलोड फील करते हैं। वहीं 32 प्रतिशत कर्मचारी ज्यादा थकान महसूस करते हैं। उनका मानना है कि लॉकडाउन में डिजिटल कामों में काफी वृद्धि हुई है।
सर्वेक्षण से यह भी पता चला कि लगभग तीन-चौथाई या 74 प्रतिशत कर्मचारियों का कहना है कि वे रोमिंग में रहकर काम तो कर सकते हैं लेकिन उनके लिए नियम थोड़े लचीले होने चाहिए।
31 देशों में 30 हजार लोगों पर सर्वे
2021 वर्क ट्रेंड इंडेक्स 31 देशों में 30,000 से अधिक लोगों के अध्ययन के निष्कर्षों के बाद तैयार किया गया है। माइक्रोसॉफ्ट के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर राजीव सोढ़ी ने कहा, हमने पिछले एक साल में एक बात सीखी है। वह यह है कि जॉब करने में हम जगह और टाइम में बंधते नहीं हैं।
बदला है काम का तरीका
उन्होंने कहा, हाइब्रिड वर्क ही भविष्य है। एक सफल हाइब्रिड वर्क के लिए अत्यधिक लचीलेपन की जरूरत है। वर्क ट्रेंड इंडेक्स के मुताबिक,पिछले साल ने कोविड -19 महामारी के कारण काम का नेचर बदला है।