The Kashmir Files पर पूर्व IPS अफसर का चौंकाने वाला बयान, अंत में कहा- मैं जानता हूं जो दिखा वह सही है या नहीं

The Kashmir Files फिल्म देखने के बाद दर्शक भावुक हो रहे हैं। इस फिल्म में 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) पर हुए जुल्म की कहानी बताई गई है। कश्मीरी पंडितों के ऐसे कई परिवार हैं, जो अपने अनुभव फिल्म देखने के बाद साझा कर रहे हैं। 

नई दिल्ली। 'द कश्मीर फाइल्स' रिलीज होने के बाद से ही चर्चा का विषय बनी हुई है। वहीं, बॉक्स ऑफिस पर भी फिल्म ने तगड़ी कमाई की और सौ करोड़ क्लब में शामिल हो गई है। दिनोंदिन इसकी बढ़ती लोकप्रियता को देखने के बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह अभी कमाई के मामले में भी और रिकॉर्ड तोड़ेगी। 

विवेक अग्निहोत्री निर्देशित इस फिल्म को देशभर में सराहना मिल रही है। फिल्म देखने के बाद दर्शक भावुक हो रहे हैं। इस फिल्म में 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों पर हुए जुल्म की कहानी बताई गई है। कश्मीरी पंडितों के ऐसे कई परिवार हैं, जो अपने अनुभव फिल्म देखने के बाद साझा कर रहे हैं। वहीं, कई अधिकारी, जो उन दिनों में वहां तैनात रहे, वे भी अब मुखर हो रहे हैं और वहां के हालात और सच्चाई बयां कर रहे हैं। 

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रिटायर अफसर ने कहा- जिन्हें नहीं पसंद वे दूरी बना लें 
हालांकि, कई लोग इसे बनाने वाली फिल्म यूनिट का प्रोपेगंडा बताकर प्रचारित कर रहे हैं और इसे बैन करने की मांग कर रहे हैं। इस मामले में एक पूर्व आईपीएस अधिकारी एनसी अस्थाना का बयान भी सामने आया है। रिटायर हो चुके एनसी अस्थाना उस समय कश्मीर में तैनात थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिखा कि जिन लोगों को सेंसर बोर्ड से मंजूर द कश्मीर फाइल्स से दिक्कत है, वे इसका बहिष्कार करें या फिर दूरी बना लें। वे इसके लिए स्वतंत्र है। 

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जो दिखाया गया उससे ज्यादा डरावना माहौल 
अस्थाना ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, मैंने 90 के दशक की शुरुआत से कश्मीर में बहुत संवेदनशील और जिम्मेदार पदों पर काम किया है। मुझे पता है कि जो दिखाया गया है, उससे कहीं ज्यादा डरावना माहौल तब वहां पर था। उन्होंने यह भी लिखा, कुछ लोग जिनका निधन हो गया है, उनको छोड़कर उस दौर के ज्यादातर मेरे साथी जिंदा हैं। लेकिन वे इस बारे में कुछ बोल नहीं सकते हैं। वे आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम से बंधे हुए हैं। यही शासन की त्रासदी है। जनता के पास केवल एक कलात्मक संस्करण हो सकता है, आधिकारिक नहीं। 

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