पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक जीव-जंतु को जिंदा रहने के लिए ऑक्सीजन (Oxygen) बेहद जरूरी है। यह बात सभी जानते और मानते हैं कि अंडा (Egg) सख्त खोल से बंद रहता है। उसके अंदर चूजा (Chick) भी होता है, जो धीरे-धीरे बढ़ता रहता है और एक दिन समय पूरा होने पर बाहर निकल आता है।
नई दिल्ली। अंडे से जुड़े तमाम रोचक तथ्य अक्सर सामने आते रहते हैं। पहले मुर्गी आई या अंडा, यह सवाल भी अभी तक लोगों की उत्सुकता बना हुआ है। वहीं, अब एक नया और दिलचस्प सवाल यह खड़ा हो गया है कि अंडा सख्त खोल से बंद रहता है। बावजूद इसके उसमें बंद चूजे को ऑक्सीजन कहां से मिलती है। यदि सांस लेने के लिए वह ऑक्सीजन ले भी रहा है तो सांस छोड़ने पर निकलने वाली कॉर्बन डॉइ ऑक्साइड कहां जाती है।
पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक जीव-जंतु को जिंदा रहने के लिए ऑक्सीजन बेहद जरूरी है। यह बात सभी जानते और मानते हैं कि अंडा सख्त खोल से बंद रहता है। उसके अंदर चूजा भी होता है, जो धीरे-धीरे बढ़ता रहता है और एक दिन समय पूरा होने पर बाहर निकल आता है।
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वैसे इस सवाल तक पहुंचने में ही लोगों को लंबा वक्त लग गया, लेकिन इसका जवाब वैज्ञानिकों ने तकनीक की मदद उतनी ही जल्दी निकाल दिया। दरअसल, हम सबने देखा है कि अंडा एक कठोर खोल से बंद रहता है। हालांकि, बहुत से लोग खासकर विज्ञान विषय से जुड़े लोग यह भी जानते हैं कि अंडे में सख्त खोल के पीछे पतली झिल्लियां होती है। यह आम तौर पर दिखाई नहीं देती। इन झिल्लियों के बीच एक छोटी वायु कोशिका होती है, जिसमें ऑक्सीजन भरी होती है।
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दरअसल, वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि अंडे के सख्त खोल में करीब सात हजार छेद होते हैं। यदि मैग्निफायिंग ग्लास से अंडे को देखा जाए तो उसके अंदर छोटे-छोटे छिद्र दिखेंगे। इन छिद्रों से ऑक्सीजन तो अंदर जाती ही है, कॉर्बन डाई ऑक्साइड बाहर भी आती है। यही नहीं इन छिद्रों से ही चूजे को हवा-पानी मिलता रहता है। जब अंडे के अंदर भूण विकसित हो जाता है और वह चूजे में तब्दील होता है, तब वह अंडे से बाहर आने के लिए चोंच से प्रहार करता है। इससे अंडे के बीचों-बीच या बड़े हिस्से में दरार आ जाती है, जिसे तोड़कर चूजा बाहर निकल आता है। हालांकि, जब वो बाहर आता है, तो अंडे के भीतर वाले तरल पदार्थ से उसका शरीर गीला रहता है, मगर बाहर आने पर हवा के संपर्क से वह सूख जाता है।