Child Pornography: टारगेट पर मासूम लड़कियां, 100 देशों के 5000 लोग शेयर करते हैं गंदे वीडियो

साल 2017 से 2020 तक भारत में ऑनलाइन चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज (Online Child Sexual Abuse) के 2.4 मिलियन मामले सामने आए। इनमें से 80% 14 साल से कम उम्र की लड़कियां हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 18, 2021 11:14 AM IST / Updated: Nov 18 2021, 04:47 PM IST

नई दिल्ली. चाइल्ड पोर्नोग्राफी (Child Pornography)। कहने को तो देश में बैन है, लेकिन चोरी-छुपे बड़े स्तर पर चलाया जा रहा है। मंगलवार को सीबीआई (CBI) ने देश के 14 राज्यों के 77 शहरों में छापा मारा। 39 नामजद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। 7 को तो गिरफ्तार भी कर लिया गया। 13 को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। ओनली चाइल्ड सेक्स वीडियोज (Child Sex Videos) के नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था, जिसके जरिए पूरा खेल चलता था। रेड में सीबीआई को पोर्नाग्राफी से जुड़े गैजेट्स, पेनड्राइव और लैपटॉप मिले हैं।  

100 देशों के 5000 लोग शेयर करते हैं वीडियो
चाइल्ड पोर्नोग्राफी और इसके जुड़े लोगों के खिलाफ हाल ही में की गई कार्रवाई में सीबीआई ने बताया कि 50 से अधिक मैसेजिंग और सोशल मीडिया ग्रुप हैं, जिसमें 100 से अधिक देशों के 5000 लोग जुड़े हुए हैं और वे चाइल्ड पोर्नोग्राफी का वीडियो शेयर करते हैं। सीबीआई ने बताया कि पाकिस्तान के 36, कनाडा के 35, अमेरिका के 35, बांग्लादेश के 31, श्रीलंका के 30, नाइजीरिया के 28, अजरबैजान के 27, यमन के 24 और मलेशियाई के 22 लोग इस रैकेट से जुड़े हुए हैं। ये एक दूसरे से चाइल्ड पोर्नोग्राफी का वीडियो शेयर करते हैं।

चाइल्ड पोर्नोग्राफी में टारगेट पर लड़कियां
इंटरपोल के मुताबिक, साल 2017 से 2020 तक भारत में ऑनलाइन चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज के 2.4 मिलियन मामले सामने आए। इनमें से 80% 14 साल से कम उम्र की लड़कियां हैं। चाइल्ड पोर्नोग्राफी के कंटेंट और कंज्यूमर तेजी से बढ़ रहे हैं। अधिकारियों की एक रिपोर्ट के मुताबिक,  इंटरनेट पर सर्च इंजन दिखाते हैं कि हर दिन चाइल्ड पोर्नोग्राफ से जुड़े 116000 से अधिक सर्चिंग की जाती है। 

भारत में चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ा कानून
जब भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी की बात आती है तो सबसे पहले समझना जरूरी है कि भारत में इसे लेकर क्या कानून हैं। एक लाइन में कहें तो चाइल्ड पोर्नोग्राफी भारत में गैर कानूनी है। इसका पब्लिकेशन, ट्रांसमिशन और रखना तीनों गैर कानूनी है। POCSO एक्ट 2012 की धारा 14 के अन्तर्गत अश्लील उद्देश्यों के लिए एक बच्चे या बच्चों का उपयोग करना अपराध है, जिसमें कम से कम पांच साल की जेल हो सकती है। इसके अलावा जुर्माने के साथ सात साल की सजा का भी प्रावधान है। 

POCSO एक्ट की धारा 15 भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी को किसी भी तरह से प्रसारित करना, प्रचारित करना, दिखाना, शेयर करना या स्टोर करने को अवैध बनाती है। सेक्शन 15 में सजा को 3 से 5 साल तक बढ़ाया भी जा सकता है। इसके अलावा आईटी एक्ट के सेक्शन 67 बी के तहत इलेक्ट्रॉनिक तरीके से बच्चों के आपत्तिजनक तस्वीरें, वीडियो पब्लिश करना अपराध माना जाता है। 

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