जनवाचकल ( Janwatchakal) ने अपनी पत्नी के शरीर को अपने बगल में एक छोटे से कमरे में रखा था, जहां वे सोते थे। वो अक्सर अपनी मृत पत्नी से बातें करते थे। वह कहते थे कि वह अभी भी जीवित है, और मुझसे बात करने आती है।
ट्रेंडिंग डेस्क। परिवार में पति-पत्नी के बीच आगाध प्रेम होता है। किसी एक को थोड़ी भी तकलीफ हो जाए तो दूसरे व्यक्ति को चैन नहीं पड़ता है। दोनों का ये रिश्ता बेहद खास होता है, वहीं कहीं-कहीं पति- पत्नी एक दूसरे के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर पाते हैं। किसी एक की मुत्यु के बाद भी वो उससे कहीं ना कहीं जुड़े रहते हैं। हमेशा उसकी यादों में ही खोए रहते हैं।
मृत पत्नी के साथ बिताए 21 साल
थाईलैंड में अजीबोगरीब घटना सामने आई है। यहां एक 72 वर्षीय व्यक्ति ने हाल ही में अपनी पत्नी के शव के साथ दो दशक से अधिक समय तक रहने के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया। इंडिपेंडेंट एजेंसी की खबर के मुताबिक, चरण जनवाचकल की मौत अब से तकरीबन 21 साल पहले हो गई थी, बावजूद उनके पति ने उन्हें खुद से अलग नहीं किया, वे उससे रोजाना बात करते थे। इसके बाद बीते महीने की 30 तारीख को उन्होंने अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार करते हुए उन्हें अंतिम विदाई दी है।
मृत पत्नी से करते थे बात
फेसबुक पर शेयर किए गए एक मार्मिक वीडियो में जनवाचकल ( Janwatchakal) बैंकॉक के बंग खेन जिले ( Bang Khen district of Bangkok ) में अपनी पत्नी के ताबूत को अपने घर के बाहर ले जाने में बैंकॉक फाउंडेशन के कर्मचारियों की सहायता करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इंडिपेंडेंट के अनुसार, जनवाचकल ( Janwatchakal) ने अपनी पत्नी के शरीर को अपने बगल में एक छोटे से कमरे में रखा था, जहां वे सोते थे। वो अक्सर अपनी मृत पत्नी से बातें करते थे। वह कहते थे कि वह अभी भी जीवित है, और मुझसे बात करने आती है।
2001 में जन्मजात बीमारी से हुई थी मृत्यु
रिपोर्टों के अनुसार, चैरिटी कार्यकर्ताओं ने प्लास्टिक की थैलियों और अन्य कचरे से घिरे गंदी जगह से ताबूत को रिकवर किया है। बुजुर्ग आदमी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है, इस व्यक्ति ने पत्नी की मौत के समय सक्षम अधिकारियों को इसकी सूचना दी थी । बता दें कि जनवाचकल की पत्नी की 2001 में जन्मजात बीमारी से मृत्यु हो गई थी।
बैंकॉक फाउंडेशन के एक कार्यकारी, जो पहले मोटरसाइकिल दुर्घटना से उबरने में मदद करने के लिए वरिष्ठ नागरिक से मिलने जाते थे, उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं थी क्योंकि उन्होंने अपने घर में ताबूत को नहीं देखा था। हालांकि, बाद में जनवाचकल स्वयं श्मशान अनुष्ठानों में मदद माँगने के लिए फाउंडेशन के पास पहुँचे क्योंकि उन्हें डर था कि उनकी मृत पत्नी को उनकी मृत्यु की स्थिति में उचित समारोह नहीं मिलेगा।
जनवाचकल हैं उच्च शिक्षित
इंडिपेंडेंट ने बताया कि जनवाचकल बहुत पढ़े लिखे हैं, उन्होंने कई डिग्रियां अर्जित की हैं। जनवाचकल ने चुलालोंगकोर्न विश्वविद्यालय ( Chulalongkorn University) में फार्मेसी संकाय से स्नातक किया। उन्होंने रॉयल थाई सेना में काम किया है और उनकी पत्नी सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय में कार्यरत थी। 72 वर्षीय बुजुर्ग ने खुलासा किया कि वह अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ रहते थे, हालांकि, उनके बेटों ने मृत मां के घर में रखने के फैसले का विरोध किया था । इस वजह से उन्होंने घर छोड़ने का फैसला किया था।
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