कन्नड़ लोगों के मुंह से कन्नड़ सुनना दुर्लभ होता जा रहा है। ऐसे में जब कोई विदेशी लड़की कन्नड़ बोलती है तो सुनने में अलग ही खुशी मिलती है। जेनिफर का कन्नड़ सुनकर आप भी मंत्रमुग्ध हो जाएँगे।
कर्नाटक में कन्नड़ भाषा (Karnataka Kannada language) सुनना ही मुश्किल होता जा रहा है। कन्नड़ लोग भी अंग्रेजी, हिंदी में बातें करते नजर आते हैं। ऐसे में एक जर्मन (German) महिला का कन्नड़ प्रेम (Kannada love) सबका ध्यान खींच रहा है। सिलिकॉन सिटी में जर्मनी की यह लड़की पूरा एक दिन कन्नड़ में बात करने का चैलेंज स्वीकार करती है। फिर कन्नड़ में बातें करना शुरू कर देती है। उनके मुंह से निकलता कन्नड़ सुनकर आपके भी कान ठंडे हो जाएँगे।
यह जर्मन युवती जेनिफर (Jenifer Video) का वीडियो है। कर्नाटक आने पर जेनिफर ने यह वीडियो बनाया है। वह कन्नड़ में बात करने की कोशिश करती हैं। वह कहती हैं कि लगातार यात्रा करने से मुझे अपनी भाषा कौशल (Language Skills) पर असर पड़ता दिखा, तो मैंने कन्नड़ सीखने और बोलने का फैसला किया। आज मैं पूरा दिन कन्नड़ में ही बात करूंगी।
कन्नड़ में बातें करती हुई जेनिफर, 'चेन्नागिद्धेने', 'क्षमिसि', 'ओन्दु निमिश', 'ननगे अनुसत्ते', 'अंद्रे', 'हीगे' जैसे कन्नड़ शब्दों का इस्तेमाल करती हैं। जेनिफर कहती हैं कि उन्हें लगता है कि उनका कन्नड़ उतना अच्छा नहीं है। वह स्थानीय लोगों से बात करती हैं और उन्हें कन्नड़ में बात करने के लिए प्रेरित करती हैं। 'थैंक यू' के लिए 'धन्यवाद' कहने वाली जेनिफर को कन्नड़ भाषा से बहुत प्रेम है।
पिछले एक महीने से कर्नाटक में कन्नड़ भाषा को लेकर फिर से बहस छिड़ी हुई है। सिलिकॉन सिटी बेंगलुरु (Silicon City Bangalore) में बिजनेस करना मुश्किल हो रहा है, ऐसा कहकर नए लोग सोशल मीडिया (Social Media) पर शिकायत कर रहे हैं। उनका कहना है कि यहाँ आने वाले दूसरे राज्य के लोग कन्नड़ नहीं सीख रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों से बातचीत करने में दिक्कत आ रही है। कन्नड़ लोगों को दूसरी भाषाएँ नहीं आतीं, इसलिए बिजनेस में परेशानी हो रही है। हालाँकि, बहुत से कन्नड़ लोग इससे सहमत नहीं हैं।
एक तरफ कर्नाटक में उदारवादी कन्नड़ लोगों की संख्या बढ़ रही है। वे कन्नड़ के अलावा दूसरी भाषाएँ सीखकर उन लोगों से बातचीत करते हैं। इससे कन्नड़ भाषा पीछे छूटती जा रही है। वहीं दूसरी तरफ, कर्नाटक आने वाले दूसरे राज्य के लोग आखिर कन्नड़ क्यों नहीं सीखते, यह सवाल भी उठ रहा है। जेनिफर का यह वीडियो इस बात पर जोर देता है कि दूसरे राज्य के लोगों को स्थानीय भाषा सीखने की क्या जरूरत है और इसका क्या महत्व है।
दो साल पहले भी जेनिफर का एक वीडियो वायरल हुआ था। मैसूर में बात करते हुए जेनिफर ने तब तक स्पष्ट रूप से कन्नड़ नहीं सीखा था। वह एक-दो शब्द ही बोल पा रही थीं। लेकिन अब वह स्थानीय लोगों से बातचीत करने लायक कन्नड़ बोल लेती हैं। उनके बोलने के तरीके से साफ पता चलता है कि उन्होंने कन्नड़ सीखने में काफी मेहनत की है।
जेनिफर का यह वीडियो देखकर कन्नड़ लोग बहुत खुश हुए हैं। उन्होंने उत्तर भारतीयों को भी जेनिफर की तरह कन्नड़ सीखने की सलाह दी है। उनका कहना है कि उत्तर भारतीय कन्नड़ नहीं सीखते और कन्नड़ लोगों पर ही आरोप लगाते हैं। विदेशी उनसे बेहतर हैं, ऐसा भी कमेंट आया है। जेनिफर के कन्नड़ को कन्नड़ लोगों ने पूरे नंबर दिए हैं। साड़ी पहने, लंबी चोटी बनाए, बेहद खूबसूरत दिख रहीं जेनिफर का यह पुराना वीडियो फिर से सुर्खियाँ बटोर रहा है।