Kargil Vijay Diwas: 15 पॉइंट्स में पढ़िए पाकिस्तान को धूल चटाने वाले कारगिल युद्ध की कहानी

पाकिस्तान सैनिकों की घुसपैठ को नाकाम करते हुए भारतीय सेना ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए 26 जुलाई, 1999 को उसे खदेड़ दिया था। इस युद्ध को 'कारगिल युद्ध' के नाम से जाना जाता है। कारगिल युद्ध 3 मई, 1999 से शुरू हुआ था और 26 जुलाई, 1999 तक चला था। 

Kargil Vijay Diwas 2023: पाकिस्तान सैनिकों की घुसपैठ को नाकाम करते हुए भारतीय सेना ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए 26 जुलाई, 1999 को खदेड़ दिया था। इस युद्ध को 'कारगिल युद्ध' के नाम से जाना जाता है। कारगिल युद्ध 3 मई, 1999 से शुरू हुआ था और 26 जुलाई, 1999 तक चला था। 26 जुलाई को हर साल भारत 'कारगिल विजय दिवस' मनाता है। आइए पढ़ते हैं कुछ फैक्ट्स...

कारगिल विजय दिवस-2023 पर विशेष, भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध

Latest Videos

1. भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध 3 मई, 1999 से कारगिल नामक दुर्गम हिमालयी पहाड़ी पर लड़ा गया था।

2. कारगिल जम्मू-कश्मीर में स्थित है। कारगिल जिला श्रीनगर से करीब 200 किमी दूर है। कारगिल पहले बाल्टिस्तान जिले का हिस्सा था। कश्मीर में पाकिस्तान से हुए पहले युद्ध क बाद यह नियंत्रण रेखा(LOC) के जरिये अलग होकर पाक अधिकृत कश्मीर में चला गया था।

3.1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान से अलग कराने में भारत की विशेष भूमिका रही थी। इस घटनाक्रम के बाद कारगिल भारत और पाकिस्तान द्वारा लड़ा गया पहला युद्ध था।

4. जब कारगिल युद्ध हुआ, तब अटल बिहारी वाजपेयी भारत के प्रधानमंत्री थे। उस समय केंद्र में NDA की सरकार थी। कारगिल युद्ध LOC पर पाकिस्तानी सेना और आतंकवादियों की घुसपैठ को रोकने हुए था।

5.LOC पार करके भारतीय क्षेत्र में घुसे पाकिस्तानी सैनिकों और घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए भारतीय सेना ने करीब 7 लाख सैनिक कारगिल में तैनात किए थे।

6. इसे भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन विजय' नाम दिया था। इस ऑपरेशन को आफिसियली तौर पर 26 जुलाई को पूरा घोषित किया गया। भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 14 जुलाई 1999 को ऑपरेशन विजय की सफलता की घोषणा की थी। हालांकि इसे 26 जुलाई को आधिकारिक तौर पर पूरा घोषित किया गया।

7. नेशनल हाईवे 1D (NH 1D) कारगिल क्षेत्र में रहने वालों की जीवन रेखा मानी जाती है। NH1D श्रीनगर और लेह क्षेत्र को जोड़ता है।

8. हुआ यूं था कि 3 मई 1999 को यहां के कुछ चरवाहों ने कारगिल के पहाड़ों में पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ देखी। घुसपैठिए कारगिल पर्वत पर संतरी पोस्ट तैयार कर रहे थे। वे भारी हथियार जमा कर रहे थे। चरवाहों ने तुरंत इसकी सूचना भारतीय सेना को दी।

9. मई 1999 के दूसरे हफ्ते में कैप्टन सौरभ कालिया सहित 5 भारतीय सैनिकों के क्षत-विक्षत शव मिले थे। इससे भारतीय सैनिकों को गुस्सा बढ़ गया और फिर पाकिस्तान को कारगिल युद्ध के जरिये मुंह तोड़ जवाब दिया गया।

10. कारगिल युद्ध के शुरुआती दिनों में पाकिस्तानी सैनिकों ने कारगिल की अग्रिम चौकियों पर तैनात भारतीय सेना के राशन और हथियारों की उपलब्धता को अवरुद्ध करने के लिए NH 1A (जिसका नाम बदलकर NH 44 कर दिया गया) पर हमला कर दिया था।

11. NH 44 ब्लॉक होने पर भारतीय सेना ने NH 1D का उपयोग हथियारों और खाद्य आपूर्ति के लिए वैकल्पिक मार्ग के रूप में किया। इस 474 किमी लंबे लेह-मनाली राजमार्ग का उपयोग NH 1A (जिसे NH 44 नाम दिया गया है) पर पाकिस्तान की भारी गोलाबारी से बचने के लिए किया जाता था।

12.भारत और पाकिस्तान के बीच शिमला समझौते हुआ था। इसके अनुसार कोई भी देश एक-दूसरे के खिलाफ हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा। लेकिन पाकिस्तान ने इसका उल्लंघन किया, जिसके परिणामस्वरूप कारगिल युद्ध हुआ।

13. कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने लगभग 500 बहादुर सैनिक खोए थे, जबकि पाकिस्तान के 3000 से अधिक सैनिक, मुजाहिदीन और घुसपैठिये मारे गए थे।

14.कारगिल युद्ध के नायकों की याद में द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक स्थापित किया गया है। यहां उन सभी सैनिकों के शिलालेख हैं, जिन्हें हमने युद्ध के दौरान खो दिया था।

15. कारगिल युद्ध में अनुकरणीय वीरता दिखाने के लिए 4 भारतीय सैनिकों को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। ये हैं-योगेन्द्र सिंह यादव ग्रेनेडियर-18 ग्रेनेडियर, मनोज कुमार पांडे (मरणोपरांत) लेफ्टिनेंट 1/11 गोरखा राइफल्स, विक्रम बत्रा (मरणोपरांत) कैप्टन 13 जेएके राइफल्स और संजय कुमार राइफलमैन 13 जेएके राइफल्स।

यह भी पढ़ें

Exclusive: लंदन में कथा के बाद अचानक रात को कहां पहुंचे बाबा बागेश्वर, सामने आए PHOTOS

क्या ताजमहल की मालिकन हैं दीया कुमारी? जानें कौन हैं ये मोहतरमा

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

UPPSC Student Protest: प्रयागराज में क्या है छात्रों की प्रमुख मांग, चौथे भी डटे हुए हैं अभ्यर्थी
वोटिंग के बीच नरेश मीणा ने SDM को ही मार दिया थप्पड़, जानें वायरल वीडियो का पूरा सच
SDM थप्पड़कांड के बाद हर तरफ बवाल, ठप हो गया राजस्थान और नरेश मीणा को घसीटते हुए ले गई पुलिस
'जब तक कलेक्टरनी की मेंहदी न उतार दूं...' नरेश मीणा का एक और वीडियो हुआ वायरल
Dehradun Car Accident: 13 दिन ली गई कार बनी 6 दोस्तों के लिए 'काल', सामने आया सबसे बड़ा सवाल