कोरोना से बचना है...: यहां शुरू हुई 'इन-कार डाइनिंग,' गाड़ी में बैठे-बैठे लें स्ट्रीट फूड का मजा

टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए केरल सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है और इन कार डाइनिंग की शुरुआत की है। इसके तहत आप अपनी कारों में आराम से बैठकर स्ट्रीट फूड का मजा ले सकते हैं, वो भी बिना कोरोना के खतरे के। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 1, 2021 5:31 AM IST / Updated: Jul 01 2021, 11:21 AM IST

ट्रेंडिंग डेस्क : जब भी हम किसी नई जगह पर घूमने जाते हैं तो सबसे पहले हम उस जगह की फेमस डिशेस के बारे में पता करते हैं, कि वहां पर कौन सी चीज सबसे ज्यादा खाई जाती है। खासकर स्ट्रीट फूड लोगों को बहुत पसंद आता है लेकिन कोरोना का में स्ट्रीट फूड खाने को लेकर लोग बहुत डरते हैं, क्योंकि इसे खाने के लिए हमें घर से बाहर निकलना पड़ता है और दुकानों के पास जाकर खड़े होना पड़ता है। लेकिन इससे बचने के लिए और टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए केरल सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है और 'इन कार डाइनिंग' (in-car dining) की शुरुआत की है। इसके तहत आप अपनी कारों में आराम से बैठकर स्ट्रीट फूड का मजा ले सकते हैं, वो भी बिना कोरोना के खतरे के। 

मंत्री जी ने खुद लिया स्ट्रीट फूड का मजा
कार में खाना कैसा लगता है, यह जानने के लिए केरल के पर्यटन मंत्री पीए मोहम्मद रियास ने खुद अपनी कार के अंदर अपनी फेवरेट डिश का मजा लिया। इस दौरान उनके साथ कायमकुलम विधायक यू प्रतिभा भी शामिल हुईं। मंत्री रियास ने कहा कि "इन-कार डाइनिंग एक परियोजना है जिसे COVID-19 से बुरी तरह प्रभावित केरल पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया है। हम इस परियोजना को शुरू कर रहे हैं ताकि केरल आने वाले पर्यटक इस सेवा का उपयोग कर सकें। COVID-19 के बीच महामारी, एक रेस्तरां के अंदर बैठकर खाना खाने और भीड़ के साथ घुलने-मिलने के बजाय, इस तरह की इन कार डाइनिंग ज्यादा सेफ होगी।

बता दें कि यह परियोजना ऐसे समय में आई है जब COVID-19 के कारण केरल को पर्यटन से भारी नुकसान हुआ है। पर्यटन केरल का मुख्य आधार है, जो राज्य के एसडीपी में 11 प्रतिशत का योगदान देता है। ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि इन कार डाइनिंग पर्यटन को और बढ़ावा देगी। इतना ही नहीं, इस समस्या को दूर करने के लिए केरल सरकार ने फुल वैक्सीन पर्यटन और नए पर्यटन स्थलों को खोजने का भी विचार किया है। 

पर्यटन मंत्री ने कहा कि राज्य ने एक परियोजना शुरू की है जिसमें हर पंचायत में एक नई जगह  की पहचान की जाएगी। ज्यादा से ज्यादा घरेलू यात्रियों को आकर्षित करने के लिए नई विरासत और तीर्थ पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए भी परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं।

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