बच्चों, खासकर छोटे बच्चों की देखभाल बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों के शुरुआती विकास में छोटी सी चोट भी उनके भविष्य के व्यवहार को प्रभावित कर सकती है। इसी बीच एक महिला का प्री-स्कूलों में क्या होता है, इस बारे में लिखा पोस्ट वायरल हो रहा है। इंग्लैंड की रहने वाली महिला ने लिखा कि नौकरी के कारण अपनी 15 महीने की बच्ची को प्री-स्कूल में भेजना पड़ता है, लेकिन वहां की गतिविधियों से वह परेशान है।
महिला ने अपने रेडिट अकाउंट पर 'मैंने अपनी बच्ची के खिलौने में बग लगाया' शीर्षक से पोस्ट लिखा। उन्होंने लिखा कि कोविड के बाद नर्सरी स्कूल माता-पिता को अंदर नहीं आने देते और अंदर क्या हो रहा है, यह बाहर से न दिखे, इसके लिए खिड़कियों पर पर्दे लगे हैं। उन्हें अक्सर अंदर क्या चल रहा है, इस बारे में चिंता होती है। एक बार बच्ची को लेने गई तो देखा कि वह एक बड़े कमरे के कोने में बैठी रो रही थी। उन्होंने सोचा कि शायद कॉलिंग बेल बजने पर आया कोई दरवाजा खोलने गया होगा। तभी वहां की एक महिला आई और कहा कि दो महीनों में यह दिन बच्ची का सबसे खुशहाल दिन था। लेकिन महिला को चिंता हुई, इसलिए अगली बार उन्होंने बच्ची के खिलौने में एक रिकॉर्डर छिपा दिया।
मां ने लिखा कि आठ घंटे की रिकॉर्डिंग में से तीन घंटे सुनकर ही वह थक गई और बाकी सुनने के लिए उसे थोड़ा आराम चाहिए। उसने आगे लिखा कि अब तक उसने जो सुना, वह बहुत ही कठिन था। क्या इस तरह रिकॉर्डिंग करने से कानूनी समस्या होगी? क्या वह यह रिकॉर्डिंग अधिकारियों को दे सकती है? क्या कोई उसे जवाब दे सकता है? हालांकि, उसने यह नहीं बताया कि उसने उन तीन घंटों में क्या सुना। कई लोगों ने उसे जवाब दिए। कुछ ने लिखा कि बिना अनुमति रिकॉर्डिंग करने से कानूनी समस्या हो सकती है, जबकि कुछ ने उसके नेक इरादे को सराहा। कुछ ने उसे वकील के जरिए कानूनी कार्रवाई करने और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की सलाह दी। कुछ ने बताया कि इंग्लैंड में निजी इस्तेमाल के लिए बिना सहमति ऑडियो रिकॉर्डिंग करना कानूनी है, लेकिन इसे दूसरों के साथ शेयर नहीं किया जा सकता।