सभी जीवों को जीवन का पाठ अपनी मां से ही मिलता है. बच्चे जब तक खुद से चलने फिरने लायक नहीं हो जाते, तब तक उनकी माँ उनका साथ देती है.
मनुष्य के सामाजिक जीवन में तेजी से आये बदलाव के बाद, मनुष्य को छोड़कर बाकी सभी जीव प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर रहते हैं. आज भी कोई अन्य जीव अपने आवास को नष्ट करते हुए सामाजिक जीवन नहीं जीता है. मनुष्य और मनुष्य द्वारा पालतू बनाए गए जानवरों को छोड़कर, धरती पर सभी जीव जन्म से ही इस जैविक जीवन की शुरुआत करते हैं. वे अपनी प्रजाति की जैविक विशेषताओं को अपनी मां से सीखते हैं और उन्हें आत्मसात करते हैं. चाहे वह जमीन पर रहने वाला हाथी हो या समुद्र का सबसे बड़ा जीव ब्लू व्हेल. बच्चे अपनी मां से शिकार करना, भोजन की तलाश करना, बचाव करना और हमला करना सीखते हैं. यह नजारा सोशल मीडिया पर शेयर किया गया तो यह कई लोगों का ध्यान खींचा.
यह प्रशिक्षण बंदरों सहित प्रत्येक प्रजाति अपनी मां से प्राप्त करती है. एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर कूदना बंदरों के लिए कोई बड़ी बात नहीं है. उनकी शारीरिक बनावट और बचपन से ही घूमने-फिरने की आदत उन्हें इसके लिए तैयार करती है. मुहम्मद जोशिम कहिद नाम के एक इंस्टाग्राम अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया गया था जिसमें एक मां बंदर अपने बच्चे के साथ एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर जाती हुई दिखाई दे रही है.
एक विशाल पेड़ के ऊपर, पतली सी डाली पर से भरे हुए पत्तों वाले दूसरे पेड़ पर चढ़ने के लिए अपने बच्चे की मदद करती हुई एक मां बंदर का वीडियो. उस दृश्य को देखकर जहाँ हमें कोई दुर्घटना होने की आशंका होती है, वहीं बच्चे के साथ बहुत ही कुशलता और सहजता से मां बंदर आगे बढ़ती है. वीडियो ने दर्शकों को बहुत आकर्षित किया. वीडियो पर ढेर सारे लोगों ने दिल का इमोजी बनाया. एक दर्शक ने लिखा, 'माँ के पास हमेशा एक रास्ता होता है'. एक अन्य ने बंदरों की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा, 'वे कभी-कभी अपनी पूंछ को होल्डर की तरह इस्तेमाल करते हैं'. एक दर्शक ने इसे स्पाइडर मैन बताया.