Artemis Mission-1: जानें क्या है प्रॉसेस, कब शुरू होगा और कब तक चलेगा, क्रॉलर ट्रांसपोर्ट की क्या होगी भूमिका

नासा (NASA) ओरियोन अंतरिक्ष यान को चांद पर भेजने के लिए पहले रॉकेट स्पेस लॉन्च सिस्टम (Space launch System) को प्रक्षेपित करेगा। इसे प्रक्षेपित करने के लिए रॉकेट तैयार है और अगले दो से तीन में ही अपने लॉन्च पैड तक पहुंच जाएगा। इसके लिए क्रॉलर ट्रांसपोर्ट-2 की मदद ली जाएगी। 
 

नई दिल्ली। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा जल्द ही अर्टेमिस मिशन-1 का रॉकेट और अंतरिक्ष यान व्हीकल एसेंबली से लॉन्च पैड तक पहुंचाने का काम शुरू करेगा। इसके लिए वह पहली बार क्रॉलर ट्रांसपोर्ट-2 का इस्तेमाल करेगा। यह क्रॉलर 81 लाख 65 हजार किलो तक का  वजन उठा सकता है। इसकी एक खासियत और है वह यह कि सिर्फ 30 किलो वजनी यह क्रॉलर चार मील लंबी यात्रा को केवल 6 से 12 घंटे में पूरा कर सकता है। 

अर्टेमिस मिशन के पहले चरण के प्रक्षेपण की तैयारियां शुरू हो गई हैं। नासा ओरियोन अंतरिक्ष यान को चांद पर भेजने के लिए पहले रॉकेट स्पेस लॉन्च सिस्टम को प्रक्षेपित करेगा। इसे प्रक्षेपित करने के लिए रॉकेट तैयार है और अगले दो से तीन में ही अपने लॉन्च पैड तक पहुंच जाएगा। इसके लिए क्रॉलर ट्रांसपोर्ट-2 की मदद ली जाएगी। इस अभियान के तहत नासा चंद्रमा पर लंबे समय के लिए दो लोगों को भेजेगा। यह अभियान चंद्रमा पर मानवीय उपस्थिति बनाने के लिए शुरू की जा रही है। यह तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। इस अभियान का पहला चरण अप्रैल या फिर मई में पूरा होगा। 

Latest Videos

यह भी पढ़ें: Holi 2022: हाेली पर इस गांव में नहीं आते दामाद, अगर आए तो उनके साथ किया जाता है अनोखा सलूक

17 मार्च को VAB से लॉन्चिंग व्हीकल निकालने की तैयारी कर रहा
नासा आगामी 17 मार्च को व्हीकल एसेंबली बिल्डिंग से लॉन्चिंग व्हीकल निकालने की तैयारी कर रहा है। इसमें पहली बार क्रॉलर ट्रांसपोर्टर का इस्तेमाल हो रहा है। यह रॉकेट को लॉन्च पैड तक ले जाएगा। दरअसल, 66 लाख पाउंड का क्रॉलर एसेंबली बिल्डिंग के भीतर जाएगा। इस पर एसएलएस रॉकेट और ओरियन अंतरिक्ष यान के नीचे क्रॉलर को हटाकर बैठाया जा रहा है। 

यह भी पढ़ें: होशियारी पड़ी भारी, 40 पैसे वसूलने के चक्कर में होटल प्रबंधन को 4 हजार रुपए ज्यादा देने पड़े, जाने क्यों 

क्रॉलर को एक मील प्रति घंटा की रफ्तार से ले जाएगा रॉकेट
टेक्निकल एक्स्पर्ट के मुताबिक, रॉकेट को लॉन्च कॉम्पलेक्स  39-बी तक ले जाने वाले क्रॉलर को एक मील प्रति घंटा की रफ्तार से ले जाएगा। यहां अंतिम प्रक्षेपण से पहले रॉकेट की वेट ड्रेस रिहर्सल की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। चार मील लंबी इस यात्रा में लगभग 6 से 12 घंटे का समय लग सकता है। इस दौरान ऑपरेशन की टीम सिम्युलेशन चलाने का काम करती रहेगी। स्पेस लॉन्च सिस्टम नासा का खासतौर पर तैयार किया गया रॉकेट है। इसे विशेष रूप से पृथ्वी की कक्षा के बाहर भेजने वाले मानव मिशन के लिए तैयार किया गया है। यह आरियोन, अंतरिक्ष यात्रियों और उनके कॉर्गो समेत भारी सामान अंतरिक्ष में पहुंचा सकता है। स्पेस लॉन्च सिस्टम दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट है। यह चंद्रमा, गुरू, शनि और मंगल ग्रह तक के लिए अभियानों के लिए बेहतर है। 

यह भी पढ़ें: तहसीन ने खोला चौंकाने वाला राज- बिजनेसमैन के सामने ही उसकी पत्नी संग गुजारी थी पूरी रात, नाईट क्लब हुआ था बुक  

एसएसएस व्हीकल को ब्लॉक वन कहा जाएगा 
स्पेस लॉन्च सिस्टम अपने कोर फेज के लिए RS-25 इंजन का इस्तेमाल करेगा। पहले एसएसएस व्हीकल को ब्लॉक वन कहा जाएगा। जो 27 मीट्रिक टन या 58 हजार 500 पाउंड का भार चंद्रमा की कक्षा और उससे आगे तक भेज सकता है। इसके दोहरे पांच स्टेप वाले रॉकेट बूस्टर और चार RS-25 तरल प्रोपेलेंट वाले इंजन होंगे। अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद इसका आईसीपीएस ओरियन को चंद्रमा तक पहुंचाने काम करेगा। 

यह भी पढ़ें: 8 करोड़ की कार को पालतू जानवर की तरह पट्टे से बांधकर सड़कों पर घुमाती है यह महिला, जानें इनसे जुड़े और कारनामे   

क्रॉलर एक बेसबाल के मैदान जितना बड़ा 
दरअसल, क्रॉलर ट्रांसपोर्ट-2 बीते 50 साल से भी ज्यादा समय से फ्लोरिडा में नासा के केनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड तक रॉकेट ले जाते रहे हैं। प्रत्येक क्रॉलर एक बेसबाल के मैदान जितना बड़ा है। वहीं, सबसे बड़ा क्रॉलर 196 में सैटर्न वी रॉकेट को केनेडी की व्हीकल एसेंबली बिल्डिंग से लॉन्च काम्पलेक्स 39 तक ले जाया गया था। सभी क्रॉलर तब से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। 

यह भी पढ़ें: 'बता नहीं सकते कितने डर में था, वह बेहद लंबी और काली रात थी, मैं सिर्फ पैंट और कमीज में वह जगह छोड़कर भाग आया'  

ओरियोन चंद्रमा का चक्कर लगाकर वापस आएगा 
अर्टेमिस मिशन के फर्स्ट फेज में अंतरिक्ष यात्री के बिना स्पेस लॉन्च सिस्टम ओरियोन अंतरिक्षा यान को चंद्रमा पर भेजा जाएगा। यहां ओरियोन चंद्रमा का चक्कर लगाकर वापस आ जाएगा। 7 से 21 मई के बीच  यह प्रक्षेपण हो सकता है। अगर इस समय  तक तैयारी पूरी नहीं हुई तो फिर यह 6 से 16 जून के बीच होगा। 

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
Delhi Election 2025 से पहले Kejriwal ने दिया BJP की साजिश का एक और सबूत #Shorts
समंदर किनारे खड़ी थी एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा, पति जहीर का कारनामा हो गया वायरल #Shorts
राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
Devendra Fadnavis के लिए आया नया सिरदर्द! अब यहां भिड़ गए Eknath Shinde और Ajit Pawar