भारत ने इसके लिए ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) चलाया है, जिसके तहत विमानों को यूक्रेन के सीमावर्ती देशों में भेजा जा रहा है। इस मुश्किल समय में भारतीय छात्रों ने इंसानियत की मिसाल पेश की है। कई भारतीय छात्र अपने साथ अपने पालतू कुत्तों को भी लेकर आए हैं।
ट्रेंडिंग डेस्क. रूस-यूक्रेन (Russia Ukraine war) के बीच जंग जारी है। यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को वहां से निकालने की प्रक्रिया तेज कर दी है। भारत ने इसके लिए ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) चलाया है, जिसके तहत विमानों को यूक्रेन के सीमावर्ती देशों में भेजा जा रहा है। भारतीय छात्रों (indian students) को यूक्रेन की सीमा से बाहर निकल पश्चिमी सीमा से सटे देशों में जाने को कहा गया है, जहां भारतीय टीम उनकी मदद के लिए मौजूद है। लेकिन इस मुश्किल समय में भारतीय छात्रों ने इंसानियत की मिसाल पेश की है। कई भारतीय छात्र अपने साथ अपने पालतू कुत्तों को भी लेकर आए हैं। इन छात्रों का कहना है कि इस मुश्किल समय में अगर उन्हें छोड़ दिया यूक्रेन में इनकी देखभाल कौन करेगा।
यूक्रेन में पांचवे वर्ष की एक मेडिकल छात्रा कीर्तना शनिवार को 'कैंडी' के साथ चेन्नई एयरपोर्ट पर पहुंची। इस दौरान परिवार ने उनका भावुक स्वागत किया। कीर्तना ने कहा कि मुझे चार बार अपनी उड़ान रद्द करनी पड़ी, क्योंकि पहले मुझे अपने पालतू को साथ लाने की अनुमति नहीं थी। मैंने दो-तीन दिनों तक इंतजार किया। आखिरकार दूतावास से एक फोन आया और जिसमें पालतू को साथ ले जाने की अनुमति मिल गई।
कीर्तना को दो साल के पेकिंगीज नस्ल के पालतू को साथ लाने के लिए अपना सामान छोड़ना पड़ा. उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने मुझसे कहा कि मैं उसे ला सकती हूं, लेकिन मुझे अपना सामान छोड़ना होगा। मैंने कहा, ठीक है. मेरे लिए मेरा पालतू सामान से ज्यादा महत्वपूर्ण है। कीर्तना तमिलनाडु के मयिलादुथुराई की रहने वाली हैं और यूक्रेन के उझहोरोड नेशनल यूनिवर्सिटी में पढ़ रही थीं। इससे पहले ऋषभ कौशिक और उनका कुत्ता मालिबू यूक्रेन से बुडापेस्ट (हंगरी) होते हुए घर लौट आया है। कौशिक उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के रहने वाले हैं। वह खार्किव के एक कॉलेज से इंजीनियरिंग कर रहे हैं। उन्होंने अपने कुत्ते को अपने साथ भारत लाने में आने वाली कठिनाइयों को इंस्टाग्राम पर साझा किया है। उन्होंने सरकार से एनओसी की अनुमति देने का आग्रह किया था।
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