चांद पर इंसान कहां रहेंगे, इसकी खोज वैज्ञानिकों ने कर ली है। उन्हाेंने ऐसे गढ्ढे खोज निकाले, जहां का तापमान इंसानों के रहने के लिए सही होगा। इन गड्ढों की खोज 2009 में ही कर ली गई थी, अब तक वहां विश्लेषण किया जा रहा था।
एरिजोना (अमरीका)। यह तो हम सब जानते ही हैं कि धरती पर इंसानों के पूर्वज सबसे पहले गुफाओं में रहे थे। अब जब चांद पर बसने की बारी आई है, तो यहां भी रहने के लिए गुफाओं का ही सहारा लिया जाएगा। जी हां , वैज्ञानिकों ने चांद पर ऐसी जगह खोज ली है, जहां आने वाले कुछ वर्षों में इंसानों को रहने के लिए भेजा जा सकेगा।
धरती के बाद अब चांद पर बसने की इंसानों ख्वाहिश जल्द पूरी होती दिख रही है। यहां ऐसी जगह वैज्ञानिकों ने खोज निकाली है, जहां का तापमान इंसानों के रहने लायक हो, वरना चांद की सतह का तापमान तो ऐसा है कि कुछ ही पल में पानी उबल जाए। मगर चांद पर ही एक जगह ऐसी भी मिली है, जहां का तापमान सिर्फ 17 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है।
चांद पर इंसानों के बसने के लिए जगह की खोज से जुड़ी एक रिपोर्ट जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स जर्नल में प्रकाशित हुई है। वैज्ञानिकाों ने इन गड्ढों को अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के लूनर रीकॉन्सेंस आर्बिटर के सहयोग से खोजा है। चौंकाने वाली बात यह है कि जो जगह इंसानों के लिए रहने के लिए सही मानी जा रही, वहां के तापमान और चांद के सतह के तापमान में भारी अंतर है। चांद के सतह का तापमान इतना अधिक है कि वहां पानी पलभर में उबल जाए, मगर जिन गड्ढों की खोज की गई है, वहां का तापमान इतना है कि इंसान आसानी से रह सकता है।
वैज्ञानिकों ने चांद की सबसे सुरक्षित जगह खोज ली
वैज्ञानिकों का दावा है कि चांद पर एक दिन लगभग दो हफ्ते के बराबर होता है। अच्छी बात ये है कि इन गड्ढों का तापमान ज्यादा बदलता नहीं, ऐसे में यहां लंबे समय तक इंसान रह सकते हैं। इन गड्ढों की खोज सबसे पहले 2009 में हुई थी और इनकी गहराई करीब सवा तीन सौ मीटर तक है। यहां रहने वालों को सोलर रेडिएशन का डर नहीं होगा और उल्का पिंडों के टकराने से भी कोई नुकसान नहीं होगा।
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