पहली बार वैज्ञानिकों (Scientist) को प्रेगनेंट ममी (Pregnant Mummy) मिली है। इस ममी के डील-डौल को देखकर वैज्ञानिक इसे पुरूष समझ रहे थे, मगर जांच के दौरान वे हैरान रह गए। वैसे, वैज्ञानिकों ने यह भी पता लगाया है कि अब तक प्रेगनेंट ममी क्यों सामने नहीं आई।
नई दिल्ली। मिस्र (Egypt) में विशेषज्ञों को महिला या पुरूष के ममी (Mummy) तो काफी मिले हैं, लेकिन यह पहली बार है जब उन्हें प्रेगनेंट ममी (Pregnant Mummy) मिली है। अब वैज्ञानिकों (Scientist) की टीम इस ममी की पड़ताल कर रही है। हालांकि, कुछ जांचों के बाद उन्होंने इस बात का पता लगा लिया है कि अब तक उन्हें प्रेगनेंट ममी क्यों नहीं मिली।
दिलचस्प बात यह है कि वैज्ञानिकों को जब यह ममी मिली तो उन्होंने इसे पुरूष समझा, मगर जब उन्होंने इसकी जांच की तो सामने आया कि यह महिला है और वह भी गर्भवती। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ऐसा जरूर हो सकता है कि पहले भी जिन महिलाओं की ममी मिली हैं, उनमें कुछ प्रेगनेंट रहीं हों, मगर केमिकल रिएक्शन की वजह से भ्रूण गल जाता होगा या फिर वह नष्ट हो जाता होगा।
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यह भ्रूण रासायनिक रिएक्शन से नहीं गला
वैज्ञानिकों के अनुसार, वारसाॅ ममी प्रोजेक्ट (Warsaw Mummy Project) के तहत ममी के अवशेषों का विश्लेषण किया जा रहा था। शुरुआती जांच में पहले किसी ने भी ऐसी ममीफाइड प्रेगनेंट महिला को नहीं देखा था। बाद में बारीकी से जांच हुई तो यह भ्रूण दिखाई दिया। संयोग से यह भ्रूण रासायनिक रिएक्शन से गला नहीं था।
केमिकल रिएक्शन की वजह से गल जाता होगा भ्रूण
वारसाॅ ममी प्रोजेक्ट का नेतृत्व कर रहे वैज्ञानिक वोशिएक एस्मंड ने बताया कि यह देखने और सुनने में बेहद अजीब लगता है। उन्होंने संभावना जताई कि शायद प्राचीन काल में महिलाएं प्रजनन आयु के दौरान गर्भवती रहीं हों, मगर उनके साक्ष्य अब तक नहीं मिले, क्योंकि शायद भ्रूण विकास की प्रक्रिया में रहा होगा और केमिकल रिएक्शन की वजह से वह गल या नष्ट हो जाता होगा। एक्स-रे या स्कैनिंग के दौरान भी यह सामने नहीं आया। चूंकि भ्रूण में हड्डी विकसित नहीं हुई होगी, इसलिए बाकी शरीर के साथ वह भी गल जाता होगा।
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उन्होंने कहा कि अब तक रेडियोलॉजिस्ट हड्डियों की तलाश करते थे और उनका परीक्षण करते रहे, मगर उन्हें नरम उत्तकों का भी परीक्षण करना चाहिए था, जैसा कि इस मामले में किया गया। एस्मंड ने बताया कि इस बार जांच में गर्भाशय के पास छोटी सी खास आकृति दिखाई दी।