तालिबान का को-फाउंडर मुल्ला बरादर पहुंचा काबुल, क्या हक्कानी नेटवर्क के साथ अफगानिस्तान में बनेगी सरकार

सरकार बनाने को लेकर काबुल में हलचल तेज हो गई है। कई नेताओं के अलावा खलील हक्कानी भी शामिल हो सकता है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 21, 2021 10:31 AM IST

काबुल. तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा तो कर लिया है, लेकिन सरकार चलाने के लिए कोई रोडमैप सामने नहीं रखा है। तालिबान का को-फाउंडर मुल्ला अब्दुल गनी बरादर काबुल में है और वहां अफगानिस्तान में समावेशी सरकार स्थापिक करने के लिए बातचीत करेगा। 

खलील हक्कानी भी हो सकता है शामिल
सरकार बनाने को लेकर काबुल में हलचल तेज हो गई है। कई नेताओं के अलावा खलील हक्कानी भी शामिल हो सकता है।ये अमेरिका के सबसे वॉटेंड आतंकवादियों में से एक है, जिसके सिर पर $5 मिलियन का इनाम है।

कई मीडिया रिपोर्ट्स में हक्कानी को गुलबुद्दीन हेकमतयार से मिलते हुए दिखाया गया है। तालिबान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एएफपी को बताया कि बरादार एक समावेशी सरकार के गठन के लिए जिहादी नेताओं से मिलेगा।

कतर से अफगानिस्तान पहुंचा बरादर
बरादर पिछले मंगलवार को कतर से अफगानिस्तान पहुंचा। उसने वापसी के कुछ घंटों के भीतर ही घोषणा करा दी कि उनका नियम इस बार अलग होगा। तालिबान ने कहा है कि वे चाहते हैं कि उनकी सरकार समावेशी हो।

शुक्रवार को तालिबान के उप नेता सिराजुद्दीन हक्कानी के चाचा खलील हक्कानी को काबुल की एक मस्जिद में नमाज अदा करते देखा गया।  इस बीच अफगानिस्तान में पाकिस्तान के दूत मंसूर अहमद खान ने कहा है कि अफगानिस्तान में समावेशी सरकार के गठन की प्रक्रिया कठिन और जटिल है।

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