रेडियो न्यूजीलैंड ने बताया, हर कोई बाहर निकलना चाहता है। जर्मनी आने के बाद एक अफगान परिवार ने कहा, हर दिन पहले दिन से भी बदतर है।
काबुल. तालिबान ने फिर से अपनी क्रूरता दिखाना शुरू कर दिया है। काबुल एयरपोर्ट के बाहर उसने लोगों को AK-47 से पीटा। रेडियो न्यूजीलैंड ने एक व्यक्ति के हवाले से कहा, यह पूरी तरह से एक आपदा की स्थिति है। तालिबानी हवा में फायरिंग कर रहे है। लोगों को धक्का दे रहे हैं। उन्हें AK-47 से पीट रहे हैं।
'हर दिन पहले दिन से भी बदतर है'
रेडियो न्यूजीलैंड ने बताया, हर कोई बाहर निकलना चाहता है। जर्मनी आने के बाद एक अफगान परिवार ने कहा, हर दिन पहले दिन से भी बदतर है। हमने खुद को बचा लिया। लेकिन हम अपने परिवारों को नहीं बचा सके।
दुनियाभर के देश अपने नागरिकों को वहां से निकाल रहे हैं क्योंकि अफगानिस्तान का भविष्य अधर में है। अमेरिका ने का कि उसने शनिवार से अब तक 7000 से अधिक लोगों को एयरलिफ्ट किया है।
देश छोड़कर भागना चाहते हैं लोग
अफगानिस्तान में लोग देश छोड़कर भाग जाना चाहते हैं। उनका मानना है कि अफगानिस्तान अपने पुराने रूप में लौट रहा है। अफगानिस्तान में 1996 से लेकर 2001 तक तालिबान का शासन था। हालांकि, तालिबान का कहना है कि वे लोगों के अधिकारों का सम्मान करेंगे। उनकी सुरक्षा करेंगे। लेकिन जमीनी हकीकत ठीक इसके उलट है।
तालिबान ने कहा था- महिलाओं को उनके अधिकार देंगे
अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने आश्वासन दिया था कि वे इस्लाम के आधार पर महिलाओं को उनके अधिकार देंगे। मुजाहिद के मुताबिक, तालिबान इस्लाम के आधार पर महिलाओं को उनके अधिकार देगा। महिलाएं काम कर सकती हैं। महिलाओं के खिलाफ कोई भेदभाव नहीं होगा।
मुजाहिद ने यह भी कहा था कि उन्होंने सभी को माफ कर दिया है। वे किसी से बदला नहीं लेंगे। सब की सुरक्षा करेंगे। किसी से भी डरने की जरूरत नहीं है।
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