19 साल की इस लड़की ने ऐसा क्या किया कि रूस ने बता दिया आतंकवादी, डाल दिया सबसे खूंखार लोगों की लिस्ट में

ट्रेंडिंग डेस्क : यूक्रेन हमले का विरोध करने पर रूस (Russia) ने एक 19 साल की लड़की को आतंकी घोषित कर दिया है। रूस ने उसका नाम उस लिस्ट में डाल दिया है, जिसमें IS, अल-कायदा और तालिबान जैसे खतरनाक संगठन हैं। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला..

Satyam Bhardwaj | Published : Jan 30, 2023 2:39 PM IST / Updated: Jan 31 2023, 10:45 AM IST
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ओलेसा क्रिवत्सोवा (Olesya Krivtsova) अपनी मां के साथ रूस के अर्खांगेलस्क शहर में रहती है। 8 अक्टूबर, 2022 को रूस पर हुए यूक्रेनी हमले के बाद ओलेसा ने  अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कुछ कई पोस्ट किया था। उसी दिन यूक्रेन ने रूस का कर्च ब्रिज उड़ा दिया था। यह ब्रिज रूस को क्रीमिया से जोड़ता था। ओलेसा ने अपने पोस्ट में यूक्रेन (Ukraine) पर रूस के हमले का विरोध जताया था और रूसी सेना की बेइज्जती भी की थी। इस पोस्ट के बाद उसे हाउस अरेस्ट कर दिया गया था।

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जब ओलेसा को नजरबंद किया गया तो उसके पैर में एक ट्रैकर लगाया गया। जिसकी मदद से उसकी हर एक्टिविटी पर नजर रखी जाती है। वहीं, हाउस अरेस्ट के बाद ओलेसा ने भी अपने पैर पर एक स्पाइडर का टैटू बनवाया। स्पाइडर की बॉडी को पुतिन के फेस से रिप्लेस किया गया है। इस पर लिखा है - बिग ब्रदर इज वॉचिंग यू..

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क्रिवत्सोवा ओलेसा पर रूसी सेना के अपमान के आरोप हैं। उसके वकीलों ने बताया है कि उसे तीन से सात साल की सजा हुई है। लेकिन कोशिश है कि ये सजा कम हो जाए। उन्होंने जानकारी दी कि फिलहाल क्रिवत्सोवा को नजरबंद रखा गया है। उनका कहना है कि ओलेसा को कुछ जुर्माने की सजा दी जाए और फिर छोड़ दिया जाए।

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बेटी की सजा पर ओलेसा की मां नताल्या क्रिवत्सोवा का कहना है कि रूसी अथॉरिटीज उनकी बेटी को उदाहरण की तरह सामने ला रही है। सरकार जनता को चेतावनी दे रही है कि अगर विचार सीमित नहीं रखे तो इसकी सजा मिलेगी। सरकार किसी भी तरह विरोध को दबाना चाहती है। मई, 2022 में भी ओलेसा पर सेना की आलोचना करने पर कुछ चार्ज लगाए गए थे। तब उसने एंटी-वॉर पोस्टर्स बांटे थे। वकीलों ने बताया कि बार-बार एक ही तरह के अपराध से क्रिमिनल केस बन जाता है।

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लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के एक ऑफिसर ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि ओलेसा बेवकूफ है। 19 साल की इस लड़की को जंग के मैदान में भेज देना चाहिए, ताकि वो वहां लड़ रहे रूसी सैनिकों से नजर मिलाकर देखे कि वह किस परिस्थिति में और कैसे लड़ रहे हैं।

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