इजराइल जो मिसाइलों को भारत के दे रहा है। इसकी टेस्टिंग रूस- यूक्रेन युद्ध में की जा चुकी है। ये स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलें बहुत घातक हैं। भारतीय सेना स्पाइक LR-2 लांचर्स और मिसाइलों को अपने बेड़े में शामिल कर रही है, जो जमीन से जमीन पर 5.5 किलोमीटर तक सटीक निशाना लगा सकती हैं।
ट्रेंडिग डेस्क : चीन की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है। भारत के साथ वह शांति वार्ता की बातें तो करता हैं लेकिन सीमा पर सेनाएं तैनात करने में पीछे नहीं हटता है। वहीं भारत चीन की हर हरकत पर नजर बनाए हुए हैं। भारत लगातार ड्रेगन के हर वार का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है। मोदी सरकार के कार्यकाल में इजराइल भी भारत के और नजदीक आया है। इजराइल आधुनिक हथियारों के निर्माण में बहुत आगे हैं, वही ये देश हमारी जरुरतों को पूरा करने के लिए भी हर समय तैयार है। आपातकालीन ऑर्डर पर इजरायल ने भारत को अत्याधुनिक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) पहुंचा दी है, जिसे सेना में शामिल भी कर लिया गया है।
इजरायल के इस खतरनाक मिसाइल सड़क पर मौजूद किसी भी छोटे ऑब्जेक्ट को टारेगट करने में सक्षम है। इसे भारत में 'टैंक किलर' (Israeli Tank Killer) भी कहा जा रहा है। इस मिसाइल की रेंज भी जबरदस्त है। ये लंबी दूरी तक टारगेट कर सकती है। टैंक या फिर बख्तरबंद गाड़ियों का भी पीछा करते हुए उन्हें नेस्तनाबूत कर देती है। चीन से जारी तनातनी के बीच भारतीय सेना को इसकी जरुरत महसूस की जा रही थी। वहीं चीन से लगती बॉर्डर पर दोनों सेनाओं के जमे रहने की स्थिति में ये मिसाइल की तैनाती भारत को रणनीतिक फायदा पहुंचा सकती है।
यूक्रेन में इन मिसाइलों की दिखी पावर
इजराइल जो मिसाइलों को भारत के दे रहा है। इसकी टेस्टिंग रूस- यूक्रेन युद्ध में की जा चुकी है। दरअसल यूक्रेन की मदद नाटो देश कर रहे हैं। सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन हथियारों की मदद यूक्रेन तक पहुंचाई जा रही है। यूक्रेनी सेना को अमेरिका की जेवलिन एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (Javelin Anti Tank Guided Missile) और नाटो देशों से मिली नेक्स्ट जेनरेशन लाइट एंटी-टैंक मिसाइलें (Next Generation Light Anti-Tank Missiles) मिली हैं। इन मिसाइलों ने रूसी टैंकों और बख्तरबंद व्हीकल को नेस्तनाबूत कर दिया है। वहीं इजरायल जो मिसाइलें भारत को दे रहा है, ये स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलें बहुत घातक हैं। भारतीय सेना स्पाइक LR-2 लांचर्स और मिसाइलों को अपने बेड़े में शामिल कर रही है, जो जमीन से जमीन पर तकरीबन 6 किलोमीटर तक सटीक निशाना लगा सकती हैं। इंडियन एयरफोर्स रूस से खरीदे गए एमआई-17 वी5 हेलिकॉप्टरों में स्पाइक NLOS मिसाइलों को लगा रही है, ये 30 किलोमीटर की दूरी तक किसी भी हथियार को तबाह करने में सक्षम है। इजराइल के साथ समझौता के तहत इन मिसाइलों को भारत में भी बनाया जा सकेगा।
रूस-चीन की नजदीकियों से भारत है सचेत
रूस ने यूक्रेन पर जिस तरह अपनी ताकत का इस्तेमाल करके उसके कई इलाकों को कब्जा लिया है, कुछ ऐसी ही मंशा चीन भी रखता है। हालांकि वह भारत को हल्के में लेने की गलती करके बहुत पछताना पड़ सकता है। अब तक भारत ने जितने भी युध्द लड़े हैं उसमें रुस ने मदद की है लेकिन बदले हुए हालातों में चीन और रूस काफी नजदीक आ गए हैं। इससे भारत- चीन युद्ध में रूस तटस्थ भूमिका में रह सकते है।वही यदि अमेरिका भारत का साथ देता है तो रूस अप्रत्यक्ष तौर पर चीन का समर्थन कर सकता है। ऐसी स्थिति में इंडिया को खुद को मजबूत करने के अलावा कोई और विकल्प नजर नहीं आ रहा है।
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