भारत में वैक्सीनेशन प्रोग्राम 1978 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 'प्रतिरक्षण के विस्तारित कार्यक्रम' (EPI) के रूप में शुरू किया गया था।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को देश को संबोधित किया। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच पीएम मोदी का ये दूसरा संबोधन था। देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने वैक्सीनेशन को लेकर बात की। इसके साथ ही उन्होंने वैक्सीनेशन के लिए चलाई जाने वाली इंद्रधनुष योजना का की तारीफ की। आइए जानते हैं क्या है ये योजना जिसकी पीएम मोदी ने तारीफ की है।
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भारत में वैक्सीनेशन कब शुरू हुआ
भारत में वैक्सीनेशन प्रोग्राम 1978 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 'प्रतिरक्षण के विस्तारित कार्यक्रम' (EPI) के रूप में शुरू किया गया था। 1985 में, कार्यक्रम को 'सार्वभौमिक प्रतिरक्षण कार्यक्रम' (यूआईपी) के रूप में संशोधित किया गया था। जिसे 1989-90 तक देश के सभी जिलों को दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य कार्यक्रम के साथ कवर करने के लिए चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया था।
कब लांच हुई है इंद्रधनुष योजना
कार्यक्रम को मजबूत और पुन: सक्रिय करने और तेज गति से सभी बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए वैक्सीनेशन के लिए भारत सरकार ने दिसंबर 2014 में "मिशन इंद्रधनुष" शुरू किया।
मिशन इंद्रधनुष का लक्ष्य
मिशन इंद्रधनुष का लक्ष्य दो साल तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए सभी उपलब्ध वैक्सीनेशन सुनिश्चित करना है। सरकार ने देश के सभी राज्यों में 201 उच्च फोकस वाले जिलों की पहचान की है, जहां आंशिक रूप से प्रतिरक्षित और अप्रतिरक्षित बच्चों की संख्या सबसे अधिक है। पहले पूर्ण टीकाकरण कवरेज में वृद्धि 1% प्रति वर्ष थी जो कि मिशन इंद्रधनुष के पहले दो चरणों के माध्यम से बढ़कर 6.7% प्रति वर्ष हो गई है। अगस्त 2017 तक मिशन इंद्रधनुष के चार चरणों का आयोजन किया गया है और 2.53 करोड़ से अधिक बच्चों और 68 लाख गर्भवती महिलाओं का वैक्सीनेशन किया जा चुका है। दिसंबर 2014 में शुरू किये गए मिशन इन्द्रधनुष के अंतर्गत भारत का वैक्सीनेशन कवरेज लगभग 87% तक पहुंच गया है। यह आंकड़ा भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार है।
चार चरणों में चलाया गया अभियान
मिशन इंद्रधनुष 2.0 को चार चरणों में चलाया जाएगा। पहला चरण दो दिसम्बर 2019, दूसरा चरण 6 जनवरी 2020 तीसरा चरण 3 फरवरी 2020, चौथा चरण 2 मार्च 2020 से शुरू हुआ। इस अभियान के तहत सरकार बच्चों के घर घर तक पहुंचेगी और वैक्सीन लगाई जाएगी।