सुरक्षा परिषद में भारत के पास नहीं है स्थायी सदस्यता, जानिए रूस ने कितनी बार की है मदद

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश सदस्य हैं, जिनमें पांच स्थायी सदस्य हैं, जबकि दस अस्थायी सदस्य हैं। भारत अस्थायी सदस्य है। स्थायी सदस्यों के पास ही सिर्फ वीटो इस्तेमाल करने का पॉवर होता है। 

ट्रेंडिंग डेस्क। हाल ही में चीन ने पांचवी बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने वीटो पॉवर का इस्तेमाल किया और पाकिस्तानी आतंकी हाफिज तलहा सईद को ग्लोबल टेरेरिस्ट लिस्ट में शामिल होने से बचा लिया। इससे पहले वह पाकिस्तानी आतंकी शाहिद महमूद को ग्लोबल टेरेरिस्ट लिस्ट में शामिल होने से बचा चुका है। भारत चाहता था कि हाफिज तलहा सईद को वैश्वकि आतंकी सूची में डाला जाए, जबकि शाहिद महमूद के मामले भारत और अमरीका दोनों चाहते थे कि उसे वैश्विक आतंकी सूची में रखा जाए। मगर चीन ने ऐन वक्त पर वीटो पॉवर का इस्तेमाल कर भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। 

आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पास वीटो पॉवर है। यह अद्भुत शक्ति स्थाई रूप से पांच देशों को मिली हुई। इसमें चीन, रूस, फ्रांस, अमरीका और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं। इसको सीधे और सरल तरीके से ऐसे समझते हैं कि अगर संयुक्त राष्ट्र में किसी भी तरह का प्रस्ताव लाया गया, मगर वीटो पॉवर से लैस किसी भी एक देश ने इस प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया यानी खिलाफ में वोट किया, तो समझिए प्रस्ताव खारिज। 

Latest Videos

वीटो से जुड़ा देश प्रस्ताव कर सकता है खारिज 
दरअसल, वीटो शब्द लातिन भाषा का है, जिसका मतलब है निषेध करना या रोकना। इसका मतलब है अगर किसी प्रस्ताव के समर्थन में कुछ देश आए तो वीटो पॉवर से जुड़ा देश इसका विरोध कर सकता है और इसे खारिज करा सकता है।  हालांकि, संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद में इन पांच स्थाई देशों के अलावा, दस अस्थायी देशों भी शामिल हैं, मगर इन दस अस्थायी देशों के पास वीटो पॉवर की शक्ति नहीं होती। ये दस अस्थायी देश अल्बानिया, ब्राज़ील, गेबॉन, घाना, संयुक्त अरब अमीरात, भारत, आयरलैण्ड, केनया, मैक्सिको और नॉर्वे हैं।दरअसल, यूनाइटेड नेशन को उन देशों ने मिलकर बनाया था, जो द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल थे और इसमें जीतने वाले देश की भूमिका में थे। इन सभी देशों को शुरुआत में वीटो पॉवर दिया गया था, जो अब तक जारी है। भारत अस्थायी रूप से सुरक्षा परिषद का सदस्य जरूर है, मगर उसके पास वीटो पॉवर नहीं है, जबकि वह सबसे बड़ी आबादी वाले देश में शामिल है और सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है।  

भारत का हमेशा समर्थन किया रूस ने 
संयुक्त राष्ट्र का स्थायी सदस्य बनने के लिए भारत ने जर्मनी, जापान और ब्राजील के साथ मिलकर ग्रुप-4 भी बनाया हुआ है। इसके अलावा, वीटो पॉवर नहीं मिलने पर कई बार संयुक्त राष्ट्र की खुले तौर पर आलोचना भी की है, मगर इस पर निर्णय लिया गया है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र में कई बार ऐसा भी हुआ है, जब भारत के पक्ष में रूस खड़ा हुआ और वीटो पॉवर का इस्तेमाल कर समर्थन दिया। 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया था, मगर रूस ने वीटो पॉवर लगाकर उसे खारिज करा दिया था। भारत के समर्थन में रूस 1957, 1961, 1962 और 1971 में वीटो पॉवर का इस्तेमाल कर चुका है। 

खबरें और भी हैं.. 

वो 16 देश जहां बुर्का नहीं पहन सकतीं महिलाएं, वो 5 देश जहां नहीं पहना तो मिलेगी सजा 

क्या है हिजाब, नकाब, बुर्का, अल-अमीरा और दुपट्टा, कैसे हैं एक दूसरे से अलग, पढ़िए डिटेल स्टोरी 

Share this article
click me!

Latest Videos

संभल हिंसा पर कांग्रेस ने योगी और मोदी सरकार पर साधा निशाना
'बसपा अब नहीं लड़ेगी कोई उपचुनाव'BSP Chief Mayawati ने खुद बताई बड़े ऐलान की वजह
कांग्रेस के कार्यक्रम में राहुल गांधी का माइक बंद ऑन हुआ तो बोले- मुझे बोलने से कोई नहीं रोक सकता
तेलंगाना सरकार ने क्यों ठुकराया अडानी का 100 करोड़ का दान? जानें वजह
Kharmas 2024: दिसंबर में कब से लग रहे हैं खरमास ? बंद हो जाएंगे मांगलिक कार्य