वर्तमान कोविड -19 महामारी के लक्षण की जांच करने वाले और पिछले महामारियों से इसकी तुलना करने वाले शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण स्थानिक हो सकता है और एक मौसमी बीमारी की तरह ही खत्म हो जाएगा।
नई दिल्ली. कोरोना महामारी कब खत्म होगी? ये सवाल लगभग सभी के मन में होगा। लेकिन उससे पहले जान लीजिए कि आजतक कोई भी महामारी पूरी तरह से खत्म हुई है या नहीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, अब तक पूरी तरह से खत्म होने वाली एकमात्र संक्रामक बीमारी चेचक है। एक वायरस के कारण होने वाले चेचक को रोकने के लिए वैक्सीन बनाने के लगभग 200 साल लग गए।
कोविड तो सिर्फ डेढ़ साल पुरानी बीमारी
कोविड-19 डेढ़ साल पुरानी बीमारी है। अब वैज्ञानिक देख रहे हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण की स्थानिकता के संकेत दे रही हैं। यानी भविष्य में कुछ ही जगहों पर ये बीमारी रह सकती है।
भविष्य में स्थानिक हो सकता है कोरोना
वर्तमान कोविड -19 महामारी के लक्षण की जांच करने वाले और पिछले महामारियों से इसकी तुलना करने वाले शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण स्थानिक हो सकता है और एक मौसमी बीमारी की तरह ही खत्म हो जाएगा।
कोरोना महामारी के दौरान घर-घर सैनिटाइजेश का काम करते कर्मचारी
कोरोना की भविष्यवाणी के लिए मॉडल
शोधकर्ताओं ने कोविड -19 महामारी के परिणाम की भविष्यवाणी करने के लिए एक मॉडल तैयार किया है। इस मॉडल की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि दुनिया भर में वैक्सीनेशन कितनी कुशलता से चलाया जाता है। सामान्य सर्दी जैसी बीमारी के प्रभाव में कोविड -19 के कम होने की ये भविष्यवाणी पिछली महामारियों पर आधारित है। कोविड महामारी की तुलना 1918 की स्पैनिश फ्लू से की जाती है। स्पैनिश फ्लू दो साल बाद स्थानिक हो गई थी।
1952 की H2N2 महामारी, 1968 की H3N2 महामारी और 2009 की H1N1 महामारी भी स्थानिक हो गई। दिलचस्प बात ये है कि इनमें से किसी भी महामारी को खत्म करने के लिए वैक्सीन की जरूरत नहीं थी।
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