चतुर्थी तिथि दो दिन लेकिन व्रत 21 मार्च को करना श्रेष्ठ, बन रहा है शुभ योग, व्रत करते समय ध्यान रखें ये बातें

आज (21 मार्च, सोमवार) चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि (Ganesh Chaturthi 2022) है। ये तिथि 22 मार्च की सुबह तक रहेगी, लेकिन चंद्रोदय सोमवार को होने से इसी दिन भगवान श्रीगणेश के निमित्त व्रत और पूजा की जाएगी। चैत्र मास में किए जाने वाले चतुर्थी व्रत बहुत ही खास माने गए हैं। इसके बाद आने वाली चतुर्थी 5 अप्रैल, मंगलवार को रहेगी, इसलिए अंगारक चतुर्थी ( Angarak Ganesh Chaturthi) कहलाएगी।

उज्जैन. स्कंद और ब्रह्मवैवर्त पुराण के मुताबिक चैत्र मास की दोनों तिथियों पर भगवान श्रीगणेश की विशेष पूजा के साथ व्रत रखने से परेशानियां दूर होती हैं और मनोकामनाएं पूरी होती है। चैत्र मास में भगवान श्रीगणेश की पूज विशेष रूप करने का विधान है। उज्जैन के चिंतामण गणेश मंदिर में चैत्र मास के बुधवार को बड़ी संख्या में दर्शन के लिए आते हैं। इसे चिंतामण जत्रा भी कहते हैं।

 ये भी पढ़ें- भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 21 मार्च को: इस विधि से करें पूजा, ये हैं शुभ मुहूर्त और चंद्रमा उदय होने का समय

क्यों खास है भालचंद्र संकष्टी व्रत? 
पुरी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी का व्रत सभी परेशानियों को दूर करने वाला है। इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। अगर कुंवारी कन्याएं ये व्रत करें तो मनचाहा पति मिलता है। चतुर्थी तिथि का आरंभ 21 मार्च, सोमवार लगभग 8.30 से होगा जो अगले दिन सुबह 06.25 तक रहेगी। 

ये भी पढ़ें- 24 मार्च को बुध करेगा राशि परिवर्तन, मीन राशि बनेगा बुधादित्य योग, किस राशि पर कैसा होगा इसका असर?

चतुर्थी व्रत में इन बातों का रखें खास ख्यान…
1.
सूर्योदय से पहले उठकर नहाएं और सूर्य के जल चढ़ाने के बाद भगवान श्रीगणेश के दर्शन करें। 
2. गणेश जी की मूर्ति के सामने बैठकर दिनभर व्रत और पूजा का संकल्प लेना चाहिए।
3. इस व्रत में पूरे दिन फल और दूध ही लिया जाना चाहिए। अन्न नहीं खाना चाहिए। 
4. भगवान गणेश की पूजा सुबह और शाम यानी दोनों वक्त की जानी चाहिए। 
5. शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत पूरा करें।

ये भी पढ़ें- 9 ग्रहों में से कौन-से ग्रह हमेशा टेढ़ी चाल चलते हैं और कौन-से ग्रहों की चाल में परिवर्तन होता रहता है?

बन रहा है शुभ योग
21 मार्च, सोमवार को स्वाति नक्षत्र होने से छत्र नाम का शुभ योग बन रहा है। इस तिथि पर गणेश जी के लिए व्रत-उपवास किया जाता है। सोमवार को चतुर्थी होने से इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है, इस वजह से गणेश जी के साथ ही शिव-पार्वती की भी विशेष पूजा जरूर करें। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार चतुर्थी तिथि के स्वामी गणेश जी हैं और सोमवार के स्वामी शिव जी हैं। ज्योतिष में सोमवार का कारक ग्रह चंद्र को माना गया है। शिवलिंग पूजा से चंद्र ग्रह से संबंधित दोषों से भी मुक्ति मिल जाती है।

ये भी पढ़ें...

काशी में जलती चिताओं के बीच मुर्दों की राख से खेली गई होली, इस परंपरा में छिपा है गहरा ‘रहस्य’?


23 फरवरी को अस्त हुआ था गुरु ग्रह, अब होने वाला है उदय, इन 4 राशि वालों को मिलेगा किस्मत का साथ

सूर्य पर पड़ रही है शनि की टेढ़ी नजर, अशुभ होता है ऐसा योग, 14 अप्रैल तक इन 4 राशि वालों को रहना होगा बचकर

डायबिटिज या नींद न आने से हैं परेशान तो ये ग्रह हो सकता है कारण, इन उपायों से दूर हो सकती है आपकी परेशानी
 

Latest Videos

Share this article
click me!

Latest Videos

चुनाव नियमों में बदलाव को कांग्रेस की Supreme Court में चुनौती, क्या है पूरा मामला । National News
'अब पानी की नो टेंशन' Delhi Election 2025 को लेकर Kejriwal ने किया तीसरा बड़ा ऐलान
जौनपुर में कब्रिस्तान के बीचो-बीच शिवलिंग, 150 या 20 साल क्या है पूरी कहानी? । Jaunpur Shivling
'सोना सस्ता लहसुन अभी भी महंगा' सब्जी का भाव जान राहुल हैरान । Rahul Gandhi Kalkaji Sabzi Market
LIVE🔴: अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में 'अटल युवा महाकुम्भ' का उद्घाटन