हिंदू धर्म में देवनदी गंगा का विशेष स्थान है। इसे 7 सबसे पवित्र नदियों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है। अनेक ग्रंथों में इस नदी से संबंधित कथाओं का वर्णन मिलता है।
उज्जैन. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गंगा नदी सिर्फ स्वर्ग में ही बहती थी, तब राजा भगीरथ ने कठिन तपस्या की और गंगा को धरती पर लेकर आए। इसलिए इसका एक नाम भगीरथी भी प्रसिद्ध है। जिस दिन गंगा धरती पर आई उस दिन ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि थी। इसलिए हर साल इस तिथि पर गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2022) का पर्व मनाया जाता है। पंचांग भेद के कारण इस बार ये पर्व दो दिन (9 व 10 जून) को मनाया जाएगा। गंगा जल से जुड़े कई उपाय भी ग्रंथों में बताए गए हैं, जिससे हमारे परेशानियां दूर हो सकती हैं। ये उपाय इस प्रकार हैं…
1. वैसे तो गंगा दशहरा पर गंगा नदी में स्नान का महत्व है, लेकिन ऐसा न कर पाएं तो घर ही पानी में थोड़ा गंगा जल डालकर स्नान करें और मां गंगा का ध्यान करते हुए ये मंत्र बोलें-
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।
इसके बाद पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें। इससे आपके घर की सारी निगेटिविटी दूर हो जाएगी। इसका पॉजिटिव असर घर के सदस्यों पर ही दिखाई देगा।
2. गंगा दशहरे पर शिवलिंग का अभिषेक गंगाजल से करें। इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और आपके घर में उनकी कृपा से धन-समृद्धि बनी रहती है। दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल लेकर भगवान विष्णु का अभिषेक भी करें। इससे आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है।
3. गंगा दशहरे पर सुबह स्नान आदि करने के बाद किसी गरीब व्यक्ति को पानी से भरा हुआ घड़ा या कलश का दान करना चाहिए। साथ ही उचित दक्षिणा व फल आदि भी दें। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
4. धर्म ग्रंथों के अनुसार, गंगा दशहरा पर मौसमी फल जैसे केला, नारियल, अनार, आम, हाथ का पंखा, छाता खरबूजा, तरबूज आदि का दान करना चाहिए। इन चीजों के दान से अक्षय पुण्य मिलता है। ये सभी चीजें 10 की संख्या में दान करनी चाहिए।
5. गंगा दशहरा का व्रत करने से देवी गंगा के साथ ही, सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त की जा सकती है।अगर आप इस दिन व्रत करना चाहते हैं तो निर्जल रहें यानी पानी नहीं पीना चाहिए। दिनभर भगवान का ध्यान करें। अधार्मिक कामों से दूर रहें।
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