Gupt Navratri 2022: 3 फरवरी को शुभ योग में करें देवी पार्वती की पूजा और ये काम, घर में बनी रहेगी सुख-समृद्धि

धर्म ग्रंथों के अनुसार माघ मास की गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2022) में आने वाली तृतीया तिथि पूजा-पाठ और दान के लिए बहुत शुभ होती है। गुप्त नवरात्रि में आने वाली इस तिथि की खासियत भी धर्म ग्रंथों में बताई गई है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 2, 2022 3:38 AM IST

उज्जैन. स्कंद और नारद पुराण का कहना है कि हर महीने की तृतीया तिथि पर देवी पार्वती की पूजा और व्रत करने से सौभाग्य और समृद्धि मिलती है। इसे कई जगह तीज या तीजा भी कहा जाता है। महिलाओं के ज्यादातर व्रत और त्योहार भी इसी तिथि पर होते हैं। इस गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2022) में द्वितिया तिथि का क्षय होने से तृतीया तिथि 3 फरवरी, गुरुवार को रहेगी। आगे जानिए इस तिथि से जुड़ी खास बातें…

ये है समृद्धि और लंबी उम्र देने वाली तिथि
भविष्य पुराण का कहना है कि माघ महीने की शुक्ल तृतीया बाकी अन्य महीनों की तृतीया से ज्यादा खास है। क्योंकि माघ मास की तृतीया महिलाओं को विशेष फल देती है | इस तिथि पर सौभाग्य बढ़ाने वाला गौरी तृतीया व्रत किया जाता है। इस पुराण में ललिता तृतीया व्रत के बारे में भी कहा गया है। जिससे सौभाग्य, धन, सुख, पुत्र, रूप, लक्ष्मी, आरोग्य और लंबी उम्र मिलती है। कहा गया है इस व्रत से स्वर्ग प्राप्ति भी होती है |

कब से कब तक रहेगी ये तिथि? 
माघ महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 3 फरवरी, गुरुवार को सूर्योदय के पहले से ही शुरू हो जाएगी। जो कि पूरे दिन-रात रहेगी। इस दिन शतभिषा और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र भी रहेंगे। इसलिए व्रत, पूजा-पाठ और दान गुरुवार को ही करना चाहिए।

पुराणों में लिखी हैं ये खास बातें…
1.
माघ महीने की तृतीया तिथि पर शतभिषा नक्षत्र होने से इस दिन चंदन का दान करने से शारीरिक परेशानियां दूर होंगी। साथ ही इस दिन पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र भी होने से उड़द के दान से कष्ट दूर होंगे और सुख बढ़ेगा।
2. भविष्य पुराण में भगवती गौरी ने धर्मराज से कहा है कि माघ तृतीया को गुड़ और नमक का दान करने से महापुण्य मिलता है। इस दिन मोदक और जल दान करने का भी विधान बताया गया है।
3. माघ महीने की तृतीया तिथि पर तिल का दान जरूर करना चाहिए। खासतौर से तिल से भरे तांबे के बर्तन दान देना चाहिए। ऐसे करने से कई तरह के दोष खत्म हो जाते हैं।
4. पद्म पुराण का कहना है कि माघ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया मन्वंतर तिथि है। इसलिए ये अक्षय फल देने वाली तिथि हो जाती है। यानी इस दिन जो कुछ दान दिया जाता है उसका पुण्य फल कभी खत्म नहीं होता है।
5. धर्मसिंधु ग्रंथ के मुताबिक माघ मास में गर्म कपड़े, जूते, तेल, कपास, रजाई, सोना और अन्न दान का बड़ा पुण्य फल मिलता है।

 

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