चाइनीज वास्तु फेंगशुई में फिश एक्वेरियम का अपना खास महत्व है। इसे घर में शुभ और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना गया है।
उज्जैन. वास्तु विज्ञान में भी मछलियों को जल का कारक माना गया है, ये हमेशा एक्टिव रहती हैं, इस कारण इन्हें घर में ऊर्जा लाने वाला और आसपास के माहौल से आलस व नकारात्मक ऊर्जा को हटाने वाला माना जाता है। फिश एक्वेरियम को लेकर फेंगशुई में कई तरह के नियम बताए गए हैं। आगे जानिए इन नियमों के बारे में…
1. फेंगशुई के अनुसार फिश एक्वेरियम न सिर्फ आपको ख़ुशी देता है बल्कि इससे घर के सदस्यों के ऊपर आने वाली सारी विपत्तियां भी टल जाती हैं। फेंगशुई में मछली को सफलता व व्यवसाय में बढ़ोत्तरी का प्रतीक भी माना जाता है।
2. इसे गलत दिशा में रखने से इसका प्रभाव नकारात्मक भी हो सकता है। फिश एक्वेरियम को घर की पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना गया है। जल की इन दिशाओं में एक्वेरियम रखने से वहां की पॉज़िटिव एनर्जी बढ़ती है।
3. ध्यान रहे कि कभी भी रसोईघर में एक्वेरियम नहीं रखना चाहिए,रसोईघर में अग्नितत्व होता है और एक्वेरियम जल तत्व का प्रतीक है। वास्तु के अनुसार आग और पानी एक जगह रखने से आपसी कलह की संभावना बढ़ती है।
4. एक्वेरियम के द्वारा घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए समय-समय पर इसका पानी बदलते रहना चाहिए।
5. एक्वेरियम में मछलियों की संख्या कम से कम नौ होनी चाहिए। इनमें से आठ मछली लाल और सुनहरे रंग की और एक काले रंग की मछली जरूर होनी चाहिए। काले रंग की मछली सुरक्षा का प्रतीक है। यह नकारात्मक शक्तियों से घर की रक्षा करती है।
6. एक्वेरियम में समय-समय पर मछलियां मरती रहती हैं, मरी हुई मछली को तुरंत हटा देना चाहिए और जिस रंग की मछली मरी हो उसी रंग की नयी मछली लाकर एक्वेरियम में ज़रूर डाल देना चाहिए।
7. फेंगशुई के अनुसार एक्वेरियम में जब कोई मछली मरती है तो वह अपने साथ नकारात्मक शक्तियों को लेकर चली जाती है।
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