आटे के दीपक होते हैं बहुत खास, किसी खास मनोकामना और तंत्र उपायों में होता है इनका उपयोग

आपने अक्सर मंदिरों में आटे के दीपक जलते हुए देखे होंगे। इन्हें देखकर आपके मन में कई तरह के सवाल भी आते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Feb 7, 2021 4:01 AM IST

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ये दीपक मिट्टी के दीपक से श्रेष्ठ माने जाते हैं। सवाल ये है कि जब बाजार में मिट्‌टी के दीपक आसानी से उपलब्ध हैं तो लोग आटे के दीपक क्यों बनाते हैं। इससे जुड़ी कुछ खास बातें इस प्रकार हैं…

1. वास्तव में आटे के दीपक का प्रयोग किसी बहुत बड़ी कामना की पूर्ति के लिए किया जाता है।
2. अन्य दीपक की तुलना में आटे के दीप को शुभ और पवित्र माना गया है। मां अन्नपूर्णा का आशीष इस दीप को स्वत: ही मिल जाता है।
3. आटे के दीपक मुख्य रूप से हनुमानजी और काली माता के मंदिरों में लगाए जाते हैं। इन दीपकों का उपोयग तांत्रिक क्रियाओं में भी किया जाता है।
4. कर्ज से मुक्ति, शीघ्र विवाह, नौकरी, बीमारी, संतान प्राप्ति, खुद का घर, गृह कलह, पति-पत्नी में विवाद आदि समस्याओं के निवारण के लिए आटे के दीप संकल्प के अनुसार जलाए जाते हैं।
5. ये दीप घटती और बढ़ती संख्या में लगाए जाते हैं। एक दीप से शुरुआत कर उसे 11 तक ले जाया जाता है। जैसे संकल्प के पहले दिन 1 फिर 2, 3, ,4 , 5 और 11 तक दीप जलाने के बाद 10, 9, 8, 7 ऐसे फिर घटते क्रम में दीप लगाए जाते हैं।
6. धन से संबंधित उपायों में आटे में हल्दी मिला कर गुंथा जाता है और हाथों से उसे दीप का आकार दिया जाता है। फिर उसमें घी या तेल डाल कर बत्ती सुलगाई जाती है।
7. अगर दीप की संख्या पूरी होने से पहले ही कामना पूरी हो जाए तो क्रम को खंडित नहीं करना चाहिए। संकल्प में माने गए दीप पूरे जलाएं।
8. किसी भी अच्छे दिन, अच्छे वार के शुभ मुहूर्त और चौघड़िया में दीप जलाने का प्रण लिया जा सकता है। हर दीप के साथ कामना अवश्य बोलें।

 

ज्योतिषीय उपायों के बारे में ये भी पढ़ें

ज्योतिष में भी है चंदन का खास महत्व, इसके आसान उपाय दूर कर सकते हैं आपकी परेशानियां

27 फरवरी तक रहेगा माघ मास, शुभ फल पाने के लिए इस महीने में करें ये 6 काम

नवरत्नों की अंगूठी या ब्रेसलेट बनवाते समय रखें ये सावधानियां, नहीं तो हो सकता है नुकसान

मंगल ग्रह का रत्न है मूंगा, ये किन लोगों को पहुंचाता है फायदा और किसे नुकसान, जानिए इसकी खास बातें

उपरत्न है हकीक, कई रंगों में मिलता है ये, इससे दूर हो सकती है आपकी अनेक परेशानियां

शनि का रत्न है नीलम, ये बहुत तेजी से दिखाता है असर, बिना ज्योतिषीय सलाह के कभी न पहनें

केतु का रत्न है लहसुनिया, इसे कब और कैसे पहनना चाहिए? जानिए इससे जुड़ी खास बातें

राहु का रत्न है गोमेद, इसे पहनने से पहले रखें ये सावधानियां, नहीं तो हो सकता है नुकसान

सूर्य का रत्न है माणिक्य, किन लोगों को इससे हो सकता है फायदा और किसे नुकसान?

लाल किताब: बृहस्पति का धातु है सोना, इसे पहनते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

लाल किताब: सास-बहू में रोज होता है विवाद तो करें इन 7 में से कोई 1 उपाय

Share this article
click me!