शनि की तीसरी नजर कर देती है बर्बाद, जानिए कैसे डालती है हमारी लाइफ पर असर, ये 3 उपाय बचा सकते हैं आपको

Published : May 04, 2022, 01:26 PM IST
शनि की तीसरी नजर कर देती है बर्बाद, जानिए कैसे डालती है हमारी लाइफ पर असर, ये 3 उपाय बचा सकते हैं आपको

सार

29 अप्रैल को शनि ग्रह राशि बदलकर मकर से कुंभ में आ चुका है। ज्योतिषियों के अनुसार जब भी शनि ग्रह राशि बदलता है तो देश-दुनिया में बड़ा उलटफेर देखने को मिलता है।  

उज्जैन. शनि को सबसे धीरे चलने वाला ग्रह कहा जाता है। ये ग्रह ढाई साल में एक बार राशि बदलता है। इस तरह शनि को सूर्य का पूरा चक्कर लगाने में 30 साल का समय लगता है। ये ग्रह अपने आगे और पीछे की राशि को भी प्रभावित करता है। धर्म ग्रंथों में शनि की नजर को अशुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में शनि की तीन दृष्टि मानी गई है। इनमें से तीसरी दृष्टि को बहुत ही घातक माना गया है। कुंडली के जिस घर पर शनि की तीसरी दृष्टि होती है, उससे संबधित अशुभ फल जीवन भर देखने को मिलते हैं। आगे जानिए शनि की तीसरी नजर से जुड़ी खास बातें… 

कितने प्रकार की होती है शनि की दृष्टि?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली के जिस भाव में शनि स्थित होता है, वहां से तीसरे, सातवें और दसवे घर को देखता है। यानी इन तीनों भाव में बैठे ग्रहों पर इसकी दृष्टि होती है। शनि इन ग्रहों के शुभ प्रभावों पर असर डालता है। शनि की तीसरी दृष्टि को सबसे शक्तिशाली और खतरनाक माना गया है। जन्मकुंडली में शनि की तीसरी दृष्टि जिस भी घर पर होती है, व्यक्ति को उस घर से संबंधित परिणाम प्राप्त करने में कड़ा संघर्ष और मेहनत करना पड़ती है। 

ऐसा होता है शनि की तीसरी दृष्टि का असर 
ज्योतिषियों के अनुसार, जन्मकुंडली में यदि शनि पहले भाव में स्थित हो तो तो उसकी दृष्टि तीसरे, सातवें और दसवें घर पर होती है। तीसरा घर भाई-बहन का, सातवां घर वैवाहिक जीवन का और दसवां आजीविका यानी नौकरी से जुड़ा होता है। यानी इन तीनों से संबंधित शुभ फल पाने के लिए व्यक्ति को जीवन में अथक संघर्ष करना पड़ता है। शनि की तीसरी नजर सबसे ज्यादा शक्तिशाली होती है। इसलिए व्यक्ति को भाई-बहनों का सुख नहीं मिल पाता। शनि की तीसरी दृष्टि कुंडली के जिस भाव पर पड़ रही हो, उसका स्वामी यदि कुंडली में उच्च स्थिति में हो तो थोड़ी राहत जरूर मिल सकती है, लेकिन मेहनत तो फिर भी करनी ही पड़ती है।

ये उपाय करने से कम हो सकता है शनि की तीसरी नजर का असर 
1.
गरीब, जरूरतमंद और कुष्ठ रोगियों की सेवा निरंतर करते रहने से शनि की तीसरी नजर के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। 
2. शनिवार को लाल कंबल का आसन बिछाकर, लाल धोती या शोला पहनकर हनुमानजी की मूर्ति के सामने तेल का दीपक लगाकर हनुमान चालीसा के 21 पाठ करने से शनि की तीसरी दृष्टि से राहत मिलती है। 
3. शनिवार को काले घोड़े को सवा किलो भिगोए हुए चने खिलाने से शनि की दृष्टि से राहत मिलती है।

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