Shanishchari Amavasya 2022: ढय्या हो या साढ़ेसाती का असर, ये 6 उपाय दूर कर सकते हैं आपकी हर परेशानी

Published : May 04, 2022, 01:33 PM IST
Shanishchari Amavasya 2022: ढय्या हो या साढ़ेसाती का असर, ये 6 उपाय दूर कर सकते हैं आपकी हर परेशानी

सार

धर्म ग्रंथों में शनिश्चरी अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। इस बार ये शुभ योग 30 अप्रैल को बन रहा है। इसी दिन सूर्यग्रहण भी होगा, लेकिन ये भारत में नही दिखाई देगा। शनिश्चरी अमावस्या पर सूर्यग्रहण का होगा दुर्लभ संयोग है।

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्यायाधीश कहा गया है यानी मनुष्य को उसके अच्छे बुरे-कर्मों का फल शनिदेव ही उसे देते हैं। जिन लोगों पर शनि की ढय्या या साढ़ेसाती का प्रभाव होता है, वे यदि शनिश्चरी अमावस्या पर कुछ खास उपाय करें तो उनकी परेशानियां कुछ कम हो सकती हैं। आज हम आपको शनिदेव के कुछ आसान और अचूक उपायों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें करने से आपको शनि दोष से थोड़ी राहत मिल सकती है। ये उपाय इस प्रकार हैं… 

इन लोगों पर है ढय्या और साढ़ेसाती का प्रभाव
29 अप्रैल को शनि मकर से निकलकर कुंभ राशि में आया है। ऐसा होते है कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढय्या का प्रभाव शुरू हो चुका है, वहीं मीन राशि पर साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू हो चुका है। कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण जबकि मकर पर अंतिम चरण है। इन सभी राशि के लोगों को शनिश्चरी अमावस्या पर शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उपाय करने चाहिए।

1. शनि दोष के प्रभाव को कम करने के लिए शनिश्चरी अमावस्या पर काले कपड़े में काले उड़द, काले तिल और लोह बांधकर तेल में भिगोकर शनिदेव को चढ़ाएं। इससे आपकी परेशानियां कुछ कम हो सकती हैं।
2. शनिदेव की विधि-विधान से पूजा करें और शनि चालीसा, शनि स्तोत्र, शनि दशरथकृत स्त्रोत का पाठ करें। ये उपाय हर शनिवार को करने से आपकी शुभ फल मिलने लगेंगे।
3. शनिश्चरी अमावस्या पर कुष्ठ रोगियों को तेल से पका भोजन जैसे पूरी-भजिए आदि दान करें। साथ ही जूते-चप्पल और छातों का दान भी जरूरतमंद लोगों को करें। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
4. इस दिन घर में शनि यंत्र की स्थापना करें और रोज इसकी विधि-विधान से पूजा करें। शनि से संबंधित हर दोष दूर होगा और जीवन में सफलता मिलनी शुरू हो जाएगी।
5. शनि दोष से मुक्ति के लिए शनिश्चरी अमावस्या पर हनुमानजी की पूजा करना भी फायदेमंद रहता है। साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ भी करें।
6. काले घोड़े की नाल की अंगूठी बनवाकर मध्यमा अंगुली में धारण करें। लेकिन इसके पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह जरूर लें।

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