सार

इस बार वैशाख मास की अमावस्या 30 अप्रैल, शनिवार को है। शनिवार को अमावस्या होने से ये शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya 2022) कहलाएगी। इस अमावस्या का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। साल 1-2 बार ही ऐसा योग बनता है, इसलिए पौराणिक ग्रंथों में इसे महापर्व भी कहा गया है।

उज्जैन. इस बार शनिश्चरी अमावस्या का पर्व इसलिए भी खास हो गया कि इस दिन सूर्यग्रहण के साथ ही ग्रहों का विशेष योग भी बन रहा है। इसके साथ ही शनिश्चरी अमावस्या पर प्रीति, सौम्य और केदार नाम के 3 शुभ योग भी बन रहे हैं। शनि अमावस्या पर तीर्थ स्नान, अनाज, कपड़े आदि चीजों का दान करने का विशेष महत्व ग्रंथों में बताया गया है। इस दिन किए गए शुभ कर्मों का फल लंबे समय तक बना रहता है। 

14 साल बाद बनेगा वैशाख में शनि अमावस्या का योग
इस बार वैशाख अमावस्या तिथि 29 अप्रैल को देर रात 12:57 बजे से शुरु होगी, जो 30 अप्रैल, शनिवार की रात 01:57 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार, वैशाख अमावस्या 30 अप्रैल को ही रहेगी। शनिवार को अमावस्या होने से ये शनि अमावस्या कहलाएगी। इस तिथि से जुड़े कर्म यानी पूजा-पाठ आदि इसी दिन किए जाएंगे। ज्योतिषियों के अनुसार, 3 साल पहले भी यानी 4 मई 2019 को वैशाख में शनि अमावस्या का योग बना था।  अब ऐसा योग 14 साल बाद बनेगा और तारीख रहेगी 26 अप्रैल 2036। 

बनेंगे इतने सारे शुभ योग
शनिश्चरी अमावस्या पर मेष राशि में तीन ग्रह सूर्य, चंद्रमा और राहु एक साथ रहेंगे। एक ही राशि में 3 ग्रह होने से त्रिग्रही योग बनेगा, खास बात ये है कि इस युति पर शनि की नजर रहेगी। मेष राशि में होने से सूर्य अपनी उच्च स्थिति में रहेगा वहीं शनि अपनी स्वराशि कुंभ में रहेगा। साथ ही इस दिन प्रीति, सौम्य और केदार नाम के 3 शुभ योग भी बन रहे हैं। इतने सारे शुभ योग होने से शनिश्चरी अमावस्या का महत्व और भी बढ़ गया है। 

ये 5 उपाय करें (Shanishchari Amavasya Ke Upay)
1.
अमावस्या पितरों की तिथि है, इसलिए इस दिन पितृ शांति के उपाय जैसे श्राद्ध, तर्पण आदि करना भी शुभ रहेगा। 
2. अनेक पुराणों में अमावस्या तिथि को पर्व कहा गया है। इसलिए इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। इससे हर तरह के दोष दूर हो जाते हैं।
3. शनि दोष से मुक्ति के लिए इस दिन शनिदेव की विधि-विधान से पूजा करें।
4. जरूरतमंदों को अनाज, भोजन और कपड़े आदि चीजों का दान करें।
5. किसी शनि मंदिर में नीला ध्वज लगवाएं।

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