बुधवार को शुभ योग, सुख-समृद्धि के लिए इस विधि से करें श्रीगणेश की पूजा और ये उपाय

प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है। इसे विनायकी चतुर्थी कहते हैं। इस बार ये व्रत 17 मार्च, बुधवार को है।

Asianet News Hindi | Published : Mar 16, 2021 3:23 AM IST

उज्जैन. बुधवार और चतुर्थी दोनों के ही स्वामी भगवान श्रीगणेश हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार इस शुभ योग में सुख-समृद्धि के दाता भगवान गणेश की पूजा के साथ ही अन्य उपाय भी करने चाहिए। ऐसा करने से आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है। ये उपाय और पूजा विधि इस प्रकार हैं-

 ये है गणेशजी की सरल पूजा विधि

- गणेश चतुर्थी पर स्नान के बाद सोने, चांदी, तांबे, पीतल या मिट्टी से बनी भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
- इसके बाद भगवान श्रीगणेश को जनेऊ पहनाएं। अबीर, गुलाल, चंदन, सिंदूर, इत्र आदि चढ़ाएं। पूजा का धागा अर्पित करें। चावल चढ़ाएं।
- गणेश मंत्र बोलते हुए दूर्वा चढ़ाएं और लड्डुओं का भोग लगाएं। कर्पूर से भगवान श्रीगणेश की आरती करें।
- पूजा के बाद प्रसाद अन्य भक्तों को बांट दें। अगर संभव हो सके तो घर में ब्राह्मणों को भोजन कराएं। दक्षिणा दें।
- गणेश चतुर्थी का व्रत करने वाले व्यक्ति को शाम को चंद्र दर्शन करना चाहिए, पूजा करनी चाहिए। इसके बाद ही भोजन करना चाहिए।

ये उपाय करें
 

1. विनायकी चतुर्थी पर भगवान श्रीगणेश को साबूत हल्दी की 11 गांठ चढ़ाएं।
2. भगवान श्रीगणेश का अभिषेक शुद्ध जल से करें, साथ ही गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ भी करें।
3. श्रीगणेश को मालपुए का भोग लगाएं। इससे विवाह के योग बन सकते हैं।

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