यूपी के गोरखपुर जिले में एक झोला छाप डॉक्टर की वजह से एक बच्चे की मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। परिजनों की शिकायत के बाद आरोपी के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या के मामला दर्ज चल रहा था। मगर पुलिस ने उसे किसी तरह पकड़ जेल भेज दिया।
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के जिले गोरखपुर में एक इंटर पास युवक मुन्नाभाई की तर्ज पर लोगों का इलाज करना भारी पड़ गया है क्योंकि मुन्नाभाई डॉक्टर के गलत इलाज की वजह से एक बच्चे की मौत हो गई। मृतक बच्चे की मौत पर उसके परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने झोला छाप डॉक्टर पर गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज करने के साथ ही उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। एक डॉक्टर के वजह से पीड़ित परिवार ने अपना बच्चा खो दिया। आरोपी के खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा भी देखने को मिल रहा है।
गलत इंजेक्शन देने से बच्चे की हुई मौत
जानकारी के अनुसार यह मामला शहर के खजनी थाना के खुटहा इलाके का है, जहां पड़ोस के जिला महारजगंज का निवासी विजय प्रताप पासवान बिना किसी मेडिकल डिग्री के इलाज करता था। आरोपी युवक से पूछताछ के बाद पुलिस का कहना है कि पिछले दो साल से उसने अपनी धाक जाम ली थी लेकिन आरोप है कि बीते 8 तारीख को गांव के ही 13 साल के बच्चे के चोट के इलाज के दौरान विजय के द्वारा गलत इंजेक्शन लगाने से उसकी मौत हो गई। जिस पर परिजनों ने गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताई यह बात
पुलिस ने आगे बताया कि इस घटना के बाद से आरोपी फरार था लेकिन इस मामले में फरार आरोपी विजय प्रताप को खजनी पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए गिरफ्तार किया है। वहीं इस मामले में खुलासे के दौरान एसपी साउथ ने बताया कि पूछताछ के दौरान मुन्नाभाई व झोला छाप डॉक्टर विजय प्रताप की योग्यता को लेकर चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। एसपी साउथ का कहना है कि आरोपी केवल 12वीं पढ़ा है। उसके पास किसी भी प्रकार की कोई मेडिकल की डिग्री नहीं है। इसके बाद भी वह लोगों का इलाज करता था। आपको बता दें कि राज्य में यह कोई पहला मामला है, इस तरह के मामले पहले भी देखने को मिले है।
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