प्रदेश भर के थानों में 124 मुकदमें दर्ज किए गए हैं। इसमें पुलिस ने अब तक 705 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि 4500 लोगों को हिरासत में लिया है।
लखनऊ (उत्तर प्रदेश) । नागरिकता संशोधन कानून और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप को लेकर प्रदेश दो दिनों से हिंसा की चपेट में है। इससे अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। पथराव, आगजनी में 263 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से 57 पुलिसकर्मियों को गोली लगी है। पुलिस ने नॉन प्रतिबंधित बोर के 405 खोखे बरामद किए हैं।
124 उपद्रवियों पर केस
प्रदेशभर के थानों में 124 मुकदमें दर्ज किए गए हैं। इसमें पुलिस ने अब तक 705 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि 4500 लोगों को हिरासत में लिया है।
31 जनवरी, 2020 तक धारा 144 लागू
हिंसा और बवाल को देखते हुए पूरे उत्तर प्रदेश में 31 जनवरी, 2020 तक धारा 144 लागू कर दी गई है। इसके साथ ही हिंसाग्रस्त इलाकों में पुलिस और सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। पुलिस घूम-घूमकर लोगों से शांति की भी अपील कर रही है।
उपद्रवियों पर सख्त होगी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में दो दिन नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उग्र प्रदर्शन को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की है। इस भेंट के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर कहा कि उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। हम सरकारी संपत्ति के साथ ही जानमाल को नुकसान पहुंचाने वालों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे।