गंगा जल बांटकर यह मां कर रही अपराधी बेटे के पापों का प्रायश्चित, 15 साल पहले STF ने किया था एनकाउंटर


बेटे पर कत्ल के कई आरोप की जानकारी के बाद तो मां दुःख से टूट गई। बेटे के पाप का प्रायश्चित करने का निर्णय लिया। उसी समय से वह प्रायश्चित करने के लिए रोज सुबह शिवकुटी घाट पर गंगा स्नान कर बेटे के किए पाप का प्रायश्चित करने लगीं। वहां मंदिर में पूजा अर्चना कर स्टील के छोटे डिब्बे में गंगा जल लेकर जिला मुख्यालय भी पहुंचती हैं। यहां एसएसपी कार्यालय और कलेक्ट्रेट में अधिकारियों, कर्मचारियों और कचहरी में वकीलों को गंगा जल से आचमन कराकर प्रसाद देती हैं। 

Ankur Shukla | Published : Mar 18, 2020 7:35 AM IST / Updated: Mar 18 2020, 01:08 PM IST

प्रयागराज ( Uttar Pradesh)। मां-बेटे की कहानियां तो बहुत सुनी होंगी। लेकिन, ये खबर सुनकर आप भी सोचने को मजूबर हो जाएंगे। जी हां पति की मौत के बाद इकलौता बेटा कुछ करने लायक हुआ तो जरायम की दुनिया का बादशाह बनने लगा। जिसे एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने मार गिराया,तब मां को पता चला कि बेटा अपराधी था। बेटे की मौत और उसके अपराधी होने के दुःख में वह टूट गईं। 15 साल से वह रोज जिला मुख्यालय आकर लोगों को गंगा जल का पान कराकर बेटे के पाप का प्रायश्चित करने के साथ ही अपना दुःख कम करने का प्रयास करती हैं। 97 साल की इस मां को लोग गंगाजली के रूप में भी जानते हैं। 

इस तरह बिहार से प्रयाग पहुंची पार्वती
पार्वती पांडेय मूलरूप से बिहार के भोजपुर की रहने वाली हैं। परिवार बहुत पहले प्रयागराज आकर गंगा किनारे के मुहल्ले दारागंज में बस गया था। शिक्षा पूरी कर स्कूल में पढ़ाने लगी थीं। उसके बाद गाजीपुर में ब्याह हो गया। समृद्ध खानदान था उनका, लेकिन खुशी के दिन लंबे नहीं चले। एक-एक कर उनके पिता, भाइयों के बाद पति का भी निधन हो गया। इकलौते बेटे श्लोक पंडित के सहारे वह प्रयागराज में आ गई। 

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2004 में एसटीएफ ने किया एनकाउंटर
इकलौता बेटा श्लोक पंडित 19 साल का होते-होते वह मां से अलग रहने लगा। महीने में एक दो बार मिलने आता था। पार्वती खुद का घर बेचकर रसूलाबाद के पास कांशीराम आवास योजना में बने घर में एक कमरा लेकर रहने लगीं। 2004 के दिसंबर में एक रोज पुलिस वालों ने आकर बताया कि डॉ. कार्तिकेय शर्मा का अपहरण करने वाले उनके पुत्र श्लोक को वाराणसी में एसटीएफ ने मार दिया है।

अब बेटे के पाप का कर रही प्रायश्चित
बेटे पर कत्ल के कई आरोप की जानकारी के बाद तो पार्वती दुःख से टूट गई। बेटे के पाप का प्रायश्चित करने का निर्णय लिया। उसी समय से वह प्रायश्चित करने के लिए रोज सुबह शिवकुटी घाट पर गंगा स्नान कर बेटे के किए पाप का प्रायश्चित करने लगीं। वहां मंदिर में पूजा अर्चना कर स्टील के छोटे डिब्बे में गंगा जल लेकर जिला मुख्यालय भी पहुंचती हैं। यहां एसएसपी कार्यालय और कलेक्ट्रेट में अधिकारियों, कर्मचारियों और कचहरी में वकीलों को गंगा जल से आचमन कराकर प्रसाद देती हैं।

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