कौशांबी जिले के कसिया पश्चिम गांव में किसी वजनी चीज से कुचलकर एक बुजुर्ग महिला की हत्या का मामला सामने आया है। हत्यारों ने महिला के पति व पड़ोसी युवक पर भी हमला किया, जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हैं।
कौशांबी. उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के कसिया पश्चिम गांव में किसी वजनी चीज से कुचलकर एक बुजुर्ग महिला की हत्या का मामला सामने आया है। हत्यारों ने महिला के पति व पड़ोसी युवक पर भी हमला किया, जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हुए हैं। दोनों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। एक साल के भीतर गांव में यह चौथी बड़ी घटना है। इससे पहले तीन अलग अलग घटनाओं में हत्यारों ने कुछ इसी तरह वारदात को अंजाम दिया था। जिसमें तीन की मौत हुई थी, जबकि तीन घायलावस्था में मिले थे। हालांकि एसपी प्रदीप गुप्ता ने पूर्व की घटनाओं से इसे अलग बताया है। कहा कि, जल्द ही खुलासा होगा।
कोखराज थाना इलाके के कसिया गांव में सोमवदा देवी (60) व उनके पति भईयालाल गुरुवार रात घर के बाहर सो रहे थे। पड़ोसी दीपक भी घर के बाहर चारपाई पर सो रहा था। देर रात अज्ञात बदमाशों ने सोमवदा व उसके पति भईयालाल पर किसी भारी चीज से हमला कर दिया। इससे सोमवदा की मौत हो गई। वहीं, भईयालाल खून से लथपथ घायलावस्था में मिला। हमलावरों ने पड़ोसी दीपक को भी अपना निशाना बनाया है। घायल भईयालाल व दीपक को स्वरूपरानी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
गांव में चीख पुकार मचने पर हमलावर मौके से फरार हो गए। इसकी जानकारी पुलिस को दी गई। एसपी प्रदीप गुप्ता समेत इलाके की पुलिस मौके पर पहुंची और गहनता से पड़ताल की है। एसपी प्रदीप गुप्ता ने कुछ क्लू मिले हैं, जल्द ही घटना का अनावरण किया जाएगा। पूर्व में हुई घटनाओं से यह घटना अलग है। इसके पहले अब तक गांव में 7 लोगों को घटना का शिकार बनाया गया है। जिसमें सभी के सिर में वार कर घायल करना और मारना एक जैसा लगने के सवाल पर एसपी ने बताया कि एक साल में 3 घटना हुयी हैं। जिसका सफलता पूर्वक अनावरण किया गया है। घटना एक ढंग की हो सकती है, लेकिन पूर्व की घटनाओ से इस घटना को लिंक करना ठीक नहीं है।
पूर्व में हुई घटनाओं पर एक नजर...
कसिया पश्चिम गांव में साल 2018 में गांव के बाहर झोपड़ी में सो रहे मां-बेटे पर बदमाशों ने भारी चीज से हमला किया था। जिसमें मां की मौत हो गई थी और बेटे को इलाज के बाद बचा लिया गया था। जिसका खुलासा करते हुए पुलिस ने मृत महिला सुग्गी देवी के रिस्तेदारो को ही जायदाद की लालच में हत्या का आरोपी बना कर जेल भेजा था। इसके बाद जनवरी 2019 में घर के बाहर सो रहे पति पत्नी पर हमला किया गया था। जिसमें महिला आरती की मौत हुई थी। जबकि पति को जिंदा बच गया था। पुलिस ने अवैध सम्बन्धो को आधार बनाते हुए खुलासा किया था। तीसरी घटना मई 2019 में सामने आई। जिसमें 45 साल की महिला मंदा देवी और उसकी 18 वर्षीय बेटी गंभीर हालत में खून से लथपथ घर के बाहर मिली। मंदा देवी की मौत हो गई थी और बेटी को डाक्टरों ने इलाज कर बचा लिया। इसका भी खिलासा पुलिस ने जून माह में किया है, जिसमें पुलिस ने बेटी के बयान को आधार बनाते हुए उसके पिता को खुद की पत्नी की हत्या करने के अपराध में जेल भेजा है। अब इस चौथी घटना का क्राइम सीन पूर्व की घटनाओं जैसा ही है। इस कारण गांव के लोगो के जहन में यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि कहीं पुलिस इन सभी मामलों में खुलासे के दबाव से निजात पाने के लिए घटना के असली मुल्जिम को अनदेखा कर रही है।